
पटना
बिहार विधान परिषद के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष एनडीए के साथ-साथ अब विपक्षी गठबंधन में भी घमासान की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस पार्टी अपने दम पर विधान परिषद का चुनाव लड़ सकती है।मीडिया को दिए बयान में अजीत शर्मा ने कहा है कि केन्द्र में महागठबंधन और बिहार में कुछ नहीं, इसका क्या मतलब है?
दरअसल अजीत शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेता तेजस्वी यादव के उस बयान का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस से केंद्र में गठबंधन कायम है। राजद ने बिहार विधान परिषद की 24 सीटों में से 1 सीट भी कांग्रेस को नहीं दिया है। इसे लेकर अजीत शर्मा ने बयान दिया है कि या तो पूरा गठबंधन चले और नहीं तो गठबंधन को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। उन्होंने कहा है कि डाइवोर्स हो जाने के बाद दूसरी शादी की जा सकती है क्योंकि कानूनन पत्नी एक ही होती है। इशारों इशारों में उन्होंने महागठबंधन के अन्य दलों को चुनौती दिया है कि कांग्रेस में इतनी ताकत है कि वह अपने दम पर चुनाव लड़ सके।
अजीत शर्मा का बयान से जाहिर है कि बिहार विधान परिषद चुनाव मामले में विपक्षी दलों के बीच तल्खी बढ़ गई है। खासकर कांग्रेस और राजद के बीच इस मामले में अलग-अलग चुनाव लड़ने की स्थिति बन रही है। राजद ने सभी 24 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है जिसमें कांग्रेस के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ा गया है। अलबत्ता वाम दल को एक सीट दिया गया है।
बता दें कि तेजस्वी यादव के इस फैसले से बिहार प्रदेश कांग्रेस से जुड़े उन नेताओं में खलबली मची हुई है जो विधान परिषद का चुनाव लड़ने के मूड में थे और इसके लिए पहले से तैयारी कर रहे थे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व ललित नारायण मिश्रा के पोते ऋषि मिश्रा ने इसी मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ दिया है।