वाराणसी
श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं द्वारा दान स्वरूप भेजे जाने वाले मनीऑर्डर में फर्जीवाड़ा किए जाने का एक मामला सामने आया है। इस मामले में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कंप्यूटर सहायक के विरूद्ध चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमा दर्ज कर जहां पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है, वहीं मंदिर प्रशासन भी अपने स्तर से जांच पड़ताल करा रहा है।
फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर दर्ज कराए मुकदमा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ के नाम से आने वाले मनीऑर्डर की जांच कराई जा रही थी। जांच में पता चला कि बीते सालों में बाबा दरबार में आए मनीऑर्डर का विवरण कंप्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी द्वारा क्लर्क संजय चतुर्वेदी को नहीं दिया गया। ऐसे में अप्रैल 2020 से जून 2022 तक बाबा के नाम पर आने वाले मनीऑर्डर की जांच की गई। जांच में पाया गया कि मनीऑर्डर के माध्यम से आने वाले 266795 रुपए मंदिर के खात में जमा हुए लेकिन 149506 रुपए का कोई हिसाब नहीं मिला। शिवभूषण द्विवेदी से इस बारे में जानकारी लेने के बाद भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला। ऐसे में शिवभूषण द्वारा बाबा विश्वनाथ के नाम से मनीऑर्डर के रुप में आने वाले 1.49 लाख रुपयों का गबन करते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाई गई है।
बीते 10 सालों के मनीऑर्डर की हो रही जांच
जांच के दौरान मनीऑर्डर में फर्जीवाड़ा पाए जाने के बाद अब बीते 10 सालों में बाबा विश्वनाथ के नाम से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से आने वाले सभी मनीऑर्डर की जांच की जा रही है। पात करने का प्रयास किया जा रहा है कि कहां और किन तरीकों से मनीऑर्डर में फर्जीवाड़ा किया गया है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि शिवभूषण द्विवेदी के अलावा मंदिर के दो अन्य कर्मचारी भी संदेह के घेरे में है। ऐसे में मंदिर प्रशासन द्वारा उनकी भी गोपनीय तरीके से जांच कराई जा रही है। फिलहाल शिवभूषण द्विवेदी को मंदिर प्रशासन द्वारा निलंबित करते हुए चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है, चौक पुलिस शिवभूषण द्विवेदी की तलाश कर रही है।