रायपुर
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर का 36वां स्थापना दिवस आज मनाया गया। इस अवसर पर आॅनलाईन एवं आॅफलाईन माध्यम से कृषि विश्वविद्यालय के 35 वर्षों की विकास यात्रा का पुनरावलोकन किया गया। स्थापना दिवस पर कृषि क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित, आकर्षित तथा प्रतिधारित करने हेतु आयोजित वेबिनार के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर ने कहा कि देश के युवाओं को कृषि के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करना तथा उन्हें इस क्षेत्र में बनाये रखना आज के समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि संबंधी व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित किये जा सकते हैं। फसल विविधिकरण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन तथा सुनिश्चित बाजार उपलब्ध करा कर युवाओं को कृषि के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे कृषि के क्षेत्र में व्यावसाय-उद्यम स्थापित कर अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं। उन्होंने कृषि में नवाचार और सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग करने पर जोर दिया। इस वेबिनार में कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त महाविद्यालयों के अधिष्ठाता एवं प्राध्यापकगण, कृषि अनुसंधान केन्द्रों के वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा विषयवस्तु विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं जुड़े।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव जी.के. निर्माम, प्रशासनिक अधिकारी, अधिष्ठातागण तथा विभागाध्यक्ष नॉलेज सेन्टर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आॅफलाईन माध्यम से वेबिनार में शामिल हुए। वेबिनार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह भी शामिल हुए। डॉ. ए.के. सिंह ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को कृषि एवं संबंधित गतिविधियों से जोड?े के लिए आर्या (अट्रैक्टिंग रूरल यूथ इन एग्रीकल्चर) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जिले के लिए किसी एक उत्पाद का चयन कर उसके उत्पादन को बढ़ावा दिया गया। यह योजना कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित की जा रही है और अब तक इस योजना के तहत लाखों युवाओं को कृषि एवं संबंधित गतिविधियों से जोड़ा गया है।