मुख्यमंत्री-गृह मंत्री के जवाब के बाद शांति वार्ता के लिए नक्सली प्रवक्ता ने जारी किया जवाबी प्रेस नोट

जगदलपुर
कांग्रेस की भूपेश सरकार ने नक्सलियों को संविधान के दायरे में रहकर शांति वार्ता के लिए कहा है। शांति वार्ता को लेकर सीएम और गृह मंत्री के जवाब के बाद नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि वार्ता के मामले में हमारे बयान में उठाए गए मुद्दों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कुछ ना कहना और यही रटना कि भारत की संविधान पर विश्वास प्रकट करने पर किसी भी मंच पर बातचीत के लिए तैयार है, सरकार के अडि?ल रवैए को दशार्ता है।

नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने कहा कि हम यही स्पष्ट करना चाहते हैं कि अनुकूल वातावरण में ही वार्ता हो सकती है, जो सरकार पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ सरकार के गृहमंत्री ने निशर्त वार्ता की बात की, हवाई हमले बमबारी घेराव दमन और मुठभेड़ में फंसने से बच निकलने नहीं देने की मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधिकारियों की धमकियों के बीच निशर्त वार्ता कैसे संभव हो सकती है। उन्होने कहा कि सरकार यदि बातचीत के लिए ईमानदार है तो हमारे लिए अनुकूल वातावरण निर्मित करें हमने कोई पूर्व शर्त नहीं रखी केवल वार्ता के लिए माहौल बनाने के तहत ही पाबंदी हटाने कैंपों को हटाकर फोर्स को वापस भेजने और वार्ता करने, जेल में बंद नेताओं को रिहा करने की बात ही सामने रखी है। वार्ता तो किसी भी मंच पर हो सकती है, और जब वार्ता होगी तब असली मुद्दे और समस्याओं के बारे में चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि सरकार की कथनी व करनी में बेहद अंतर है। एक ओर वे फर्जी मुठभेड़ कर निदोर्षों को मार गिराते हैं वहीं शांति की अपील करते हैं। सरकार ग्रामीण इलाकों में पेसा कानून का पालन करवाने नाकाम रही है। ग्राम सभाओं को कोई अधिकार नहीं दे रही है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आदिवासियों की जमीन दे रही है। इससे राहत दिलाने के बाद ही शांति वार्ता का रास्ता खुलेगा।

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