हमीरपुर
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और निषाद पार्टी के गठबंधन में हमीरपुर विधानसभा सीट से भाजपा की जगह निषाद पार्टी को चुनाव लड़ाने की कवायद तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार निषाद पार्टी ने जिन सीटों पर पेच फंसाया है उसमें हमीरपुर सीट भी है।
हमीरपुर विधानसभा सीट में निषाद वोट निर्णायक माना जाता है। यमुना और बेतवा की तराई क्षेत्र के बसे गांवों में इनकी आबादी सबसे ज्यादा है। फिलहाल यमुना किनारे के गांव पत्यौरा की रहने वाली साध्वी निरंजन ज्योति केंद्र में मंत्री हैं। वहीं, शहर हमीरपुर से एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और एक चेयरमैन भी इसी समाज से हैं। निषादों की गोलबंदी से जिले में भाजपा इस क्षेत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही है।
निषादों की भाजपा के प्रति गोलबंदी का आलम ये है कि सपा के बड़े नेता विशंभर प्रसाद निषाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। प्रदेश के होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा ने निषाद पार्टी से गठबंधन किया है, ऐसे में इस सीट पर निषाद पार्टी ने अपनी आंखें जमाई हुई हैं। उम्मीदवारों की टोह ली जा रही है। सूत्रों के मुताबिक निषाद पार्टी ने जिन सीटों की सूची भाजपा हाईकमान को सौंपी है, उसमें बुंदेलखण्ड से दो सीटें निषाद पार्टी को जा सकती हैं। इसमे एक हमीरपुर विधानसभा की सीट भी है। 13 जनवरी 2013 में बनी निषाद पार्टी अपने समाज को एससी कैटगिरी में शामिल कराने को लेकर बनी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने मौलाना खान पर दांव लगाया था जिन्होंने लगभग 8513 वोट प्राप्त कर दिग्गजों को सोचने पर मजबूर कर दिया था। आज की स्थिति में निषाद पार्टी का जिले में कोई खास कैडर तो नहीं है ऐसे में उम्मीद है कि कोई दलबदलू हैवीवेट उम्मीदवार निषाद पार्टी से चुनाव लड़ सकता है।