लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निपुण भारत योजना शिक्षा की मूलभूत इकाई पर कार्य करने जा रही है। इससे स्कूलों में ड्रॉपआउट की समस्या भी दूर होगी। कोई भी बच्चा पढ़ाई छोड़ घर नहीं बैठेगा। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जा सकेगा। निपुण भारत योजना से प्रदेश के विद्यालयों को जोड़ने और विद्यालयों में परिवर्तन करने में मदद मिलेगी। बेसिक शिक्षा विभाग में अब परिणाम के अनुरूप परिवर्तन की दिशा तय हो सकेगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये बातें रविवार की शाम विकास भवन में स्थित अत्याधुनिक निपुण भारत मॉनिटरिंग सेंटर का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा, शिक्षा की आधारभूत इकाई है। इसी को ध्यान में रखकर तकनीक का बेहतर उपयोग करते हुए निपुण (नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी) के तहत जीआईएस आधारित विद्यालयवार परफार्मेंस किट मैप, लर्निंग आउटकम मैप आधारित इस योजना का शुभारम्भ हुआ है। इस अवसर पर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, मुख्य विकास अधिकारी इन्द्रजीत सिंह सहित बेसिक शिक्षा के अधिकारी मौजूद रहे।
साढ़े चार साल पहले दयनीय थी विद्यालयों की दशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि 2017 में जब सरकार ने अपना दायित्व सम्भाला था तो उस समय बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक करोड़ 30 लाख बच्चे पंजीकृत थे। लेकिन उस समय विद्यालयों की दशा बेहद दयनीय थी। पिछले साढ़े चार वर्ष में बेसिक शिक्षा परिषद ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और तकनीक अपनाकर पारदर्शी तरीके से न केवल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया है, छात्रों व शिक्षक का अनुपात बेहतर किया है बल्कि दुनिया के अन्दर उत्तर प्रदेश संभवत: पहला ऐसा राज्य है जिसमें बेसिक शिक्षा परिषद में छात्रों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। लगभग 50 लाख बच्चे नए बढ़े हैं। कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय दर्शनीय हुए हैं और नई प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं। विद्यालयों में क्लासरूम, फर्नीचर, टायलेट, शुद्ध पेयजल, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था हुई है।