नोएडा
शहर की कंपनियों में नौकरी नहीं मिलने से नाराज युवक का एक शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उसका आरोप है कि उसे स्थानीय निवासी होने के कारण नौकरी नहीं दी गई। इस पत्र के माध्यम से गाजियाबाद निवासी युवक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। गाजियाबाद के साहिबाबाद निवासी शिकायतकर्ता राजकुमार ने लिखा है कि वह नोएडा की कंपनी में नौकरी के लिए गया था। हर कंपनी में पद रिक्त होने के लिए बोर्ड लगे थे। कंपनी में योग्यता के संबंध में नहीं पूछा गया। वहां पहला सवाल था कि रहने वाले कहां के हो, आधार कार्ड पर पता कहां का है? कंपनी संचालकों को उनके गाजियाबाद निवासी होने का पता चला तो उन्होंने नौकरी पर रखने से मना कर दिया। कंपनी ने कहा कि वह 200 किलोमीटर दूर के व्यक्ति को नौकरी देते हैं।
युवक से जब 'हिन्दुस्तान' ने बातचीत की तो उसने बताया कि वह नोएडा में सात कंपनियों में नौकरी के लिए गया था, लेकिन सभी जगह स्थानीय होने के कारण उसे नौकरी देने से इनकार कर दिया गया। किसी कंपनी ने कहा कि वह 200 किलोमीटर दूर के तो किसी ने कहा कि वह 300 किलोमीटर दूर के व्यक्ति को नौकरी देते हैं। ऐसा सिर्फ उसके साथ ही नहीं बल्कि उनके पांच और दोस्तों के साथ भी हुआ है। उसने मांग की है कि स्थानीय युवकों को नौकरी दिलवाई जाए, क्योंकि यह नियम भी है।
विधानसभा में उठाया गया सवाल
स्थानीय युवकों को रोजगार ना मिलने का मुद्दा जेवर से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान सदन में भी उठाया जा चुका है। वह सदन में पूछ चुके हैं कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने कितने स्थानीय युवकों को रोजगार दिया है, लेकिन इसका कोई जवाब अभी तक नहीं मिला है।
हक नहीं मिल रहा : सुखवीर
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने कहा कि कंपनियों में स्थानीय युवकों को रोजगार नहीं मिलता। इसको लेकर अनेक बार प्रदेश सरकार, प्राधिकरण और मंत्रियों से कहा जा चुका है, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है। कंपनियों में स्थानीय युवकों को रोजगार मिलना चाहिए। यह उनका हक है, इन कंपनियों के लिए उन्होंने जमीन दी है। यह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के बॉइलॉज में भी है। फिर भी इसकी अनदेखी हो रही है।