अब रेलवे स्‍टेशनों के नाम भी ब‍िकेंगे, कमाई बढ़ाने के ल‍िए रेलवे लेने जा रहा है यह न‍िर्णय

गोरखपुर
आप अपनी फर्म, कंपनी और संस्था के ब्रांड का नाम गोरखपुर जंक्शन सहित किसी भी रेलवे स्टेशन (बस्ती, गोंडा, देवरिया, भटनी और छपरा आदि) के साथ जोड़ सकते हैं। स्टेशनों के नाम के आगे व पीछे सिर्फ दो शब्द जोडऩे की अनुमति होगी। शब्द संख्या अधिक होने पर ब्रांड के लोगो का प्रयोग कर सकते हैं। रेलवे बोर्ड ने को ब्रांड‍िंग योजना के तहत स्टेशनों पर ब्रांडों के प्रचार का दरवाजा खोल दिया है। प्रमुख स्टेशनों के नाम के साथ ब्रांडों का प्रसार तो होगा ही, रेलवे की कमाई भी बढ़ जाएगी।

शुल्‍क तय करने पर चल रहा है मंथन
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक शरद श्रीवास्तव की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक नई व्यवस्था में कंपनियों व फर्मों को स्टेशनों के साथ अपना नाम जोडऩे के लिए निर्धारित शुल्क वहन करना होगा। छोटे स्टेशनों के लिए कम जबकि बड़े स्टेशन और जंक्शन के लिए दर होगी। हालांकि यह दर कितनी होगी इस पर मंथन चल रहा है। समाज में साफ-सुथरी छवि वाली कंपनियों को ही मौका मिलेगा। रेलवे शराब और पान मसाला आदि बनाने वाली फर्मों से परहेज करेगा। कंपनियों को एक से तीन साल तक स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड के प्रचार का मौका मिलेगा। प्रचार-प्रसार सिर्फ स्टेशन परिसर में ही होंगे।

ट‍िकट पर दर्ज नहीं होगा नाम
स्टेशन के साथ ब्रांड के नाम की घोषणा नहीं होगी। टिकट, पार्सल और अन्य अधिकृत मूल अभिलेखों पर ब्रांड का नाम अंकित नहीं होगा। ऐतिहासिक और धार्मिक नाम वाले स्टेशनों पर को ब्रांड‍िंग योजना लागू नहीं होगी। जैसे स्वामी नारायण छपिया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और वीरांगना लक्ष्मीबाई जंक्शन के नाम के साथ किसी भी ब्रांड का प्रचार नहीं होगा।

योजना को लागू करने की शुरू हुई प्रक्रिया
फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बोर्ड के दिशा-निर्देश पर को ब्रांड‍िंग योजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल कार्यालयों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए जल्द ही निविदा आमंत्रित किए जाएंगे। योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए वाणिज्य विभाग के लोग उपभोक्ताओं से संपर्क भी साधेंगी।

कंपनियों, फर्मों और संस्थाओं को सीधे विज्ञापन देगा रेलवे
दरअसल, को ब्रांड‍िंग के तहत स्टेशनों के कायाकल्प और विकास की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपने की कवायद के बाद रेलवे बोर्ड ने स्टेशनों के नाम पर कमाई का नया जरिया खोज निकाला है। जानकारों के अनुसार नई व्यवस्था के तहत रेलवे अब एजेंसी नहीं बल्कि कंपनियों, फर्मों और संस्थाओं को सीधे विज्ञापन देगा।