पटना
वीआईपी यानी विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के तेजस्वी प्रेम पर पार्टी के अंदर फूट पड़ती दिख रही है। वीआईपी के एक विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्टैंड के खिलाफ बयान देकर इशारो इशारो में स्पष्ट कर दिया है कि अगर मुकेश सहनी एनडीए से अलग होकर महागठबंधन की ओर जाते हैं तो पार्टी टूट जाएगी। ये विधायक हैं राजू सिंह जो मुजफ्फरपुर के साहिबगंज सीट से विधानसभा सदस्य हैं। अपने पटना आवास पर राजू सिंह ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि लालूवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ के वीआईपी सत्ता में आई है। अब लालू और तेजस्वी यादव के प्रति प्रेम दिखाना या एनडीए के स्टैंड के खिलाफ बयान बाजी ठीक नहीं है। मुकेश सहनी के बयानों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए राजू सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ना अच्छी बात नहीं है। जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि मुकेश सहनी एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाते हैं तो उनका क्या स्टैंड होगा, इस सवाल के जवाब में राजू सिंह ने कहा कि वे जनता के साथ जाएंगे जनता ने लालूवाद के खिलाफ वोट देकर उन्हें विधायक बनाया है। राजु सिंह ने कहा कि आज शाम वे राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर इस संबंध में बात करेंगे। उन्हें यह सारी जानकारियां मीडिया के माध्यम से मिल रही हैं।
तेजस्वी को भाई बताने पर मुकेश सहनी का बचाव करते हुए राजु सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को भाई कह देने का मतलब यह नहीं है कि उनके राजनीतिक विचारधारा में अध्यक्ष जी शामिल हो गए। अलग-अलग दलों के नेताओं के बीच बेहतर संबंध देखे जाते हैं । राजू सिंह ने एनडीए के सभी नेताओं से अपील किया है कि सभी घटक दल आपस में मिल बैठकर बात करें और आपसी वैचारिक मतभेद का निदान निकालें। उन्होंने दावा किया कि जिस तरीके से सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है वह बिहार को मध्यावधि चुनाव की ओर ले जाएगी। एक सवाल के जवाब में राजू सिंह ने कहा कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष का सम्मान करते हैं लेकिन की सभी बातों से इत्तेफाक नहीं रखते। महागठबंधन में जाने का फैसला लेने से पहले उन्हें 100 बार विचार करना चाहिए। क्योंकि जनता ने महागठबंधन के खिलाफ पार्टी को वोट दिया है। आज शाम राजू सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सैनी से मुलाकात होने वाली है। उन्होंने कहा है कि दोनों के बीच इस मसले पर बातचीत होगी। वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी और पार्टी विधायक राजू सिंह के बीच होने वाली बातचीत जो भी नतीजा निकले, फिलहाल पार्टी के नेताओं के बीच आपसी मतभेद साफ साफ दिख रहा है।