प्रयागराज
भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करने पर चर्चा के लिए माघ मेला क्षेत्र के महावीर मार्ग पर ब्रह्मा ऋषि आश्रम ट्रस्ट की ओर से आयोजित संत सम्मेलन व धर्म संसद में संतों ने कई प्रस्ताव पास किए। इसमें सबसे प्रमुख था कि आज से ही सभी लोग हिंदू राष्ट्र भारत लिखेंगे।
मंच से संतों ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने का प्रस्ताव भी पास किया। संतों ने सामान्य शिक्षा नीति लागू करने की मांग की। कहा कि इस्लामिक जेहाद पूरे विश्व के लिए खतरा है, इसलिए एक धार्मिंक ग्रंथ के कुछ अंश हटाए जाएं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी दिया है।
संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि काशी सुमेरू पीठ के स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि भारत जैसे देश में कोई राष्ट्रपुत्र हो सकता है, राष्ट्रपिता नहीं। उन्होंने देश के 80 करोड़ हिंदुओं का आह्वान किया कि सरकार माने या न माने, लेकिन लोग अभी से हिंदू राष्ट्र भारत लिखना शुरू करें।
कश्मीर में आईकार्ड देखकर हिंदुओं की हत्या करने वालों को सार्वजनिक मंच पर वही दंड देना चाहिए। देश में सामान्य शिक्षा नीति लागू होनी चाहिए। धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। पाठ्यक्रम में भगत सिंह और राजगुरु को शामिल किया जाए। साथ ही देश का पहला प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस को माना जाए, क्योंकि उन्हें 15 राष्ट्रों ने समर्थन दिया था। आजादी के पहले ही वह प्रधानमंत्री बन चुके थे।