बिलासपुर
सूबे के बहुचर्चित झीरम घाटी नक्सल हत्याकांड मामले में एनआईए को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। जस्टिस आरसीएस सामंत और जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच ने इस मामले को लेकर एनआईए की अपील खारिज दी है। अब राज्य सरकार झीरम घाटी हत्याकांड के राजनीतिक षडयंत्रों की जांच कर सकेगी।
ज्ञात हो कि 25 मई 2013 को नक्सलियों ने पूर्व विधायक उदय मुदलियार सहित 31 कांग्रेस नेताओं सहित अन्य की घात लगाकर हत्या कर दी थी। झीरम घाटी हत्याकांड में शहीद उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने दरभा थाने में वर्ष 2020 में हत्या और षडयंत्र का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। इस एफआईआर को एनआईए जगदलपुर की विशेष अदालत में चुनौती देकर एनआईए को सौंपने की मांग की थी।
विशेष अदालत ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया। इस फैसले के खिलाफ एनआईए ने हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मामले की जांच पर रोक लगा दी थी। इस मामले में बुधवार को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फैसला आया है, कोर्ट ने एनआईए की अपील को खारिज कर दिया है।