रायपुर
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी की पत्रकार वार्ता का जवाब देते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सुधांशु कांग्रेस सरकार पर अनर्गल आरोप लगाने के पहले मोदी सरकार के वायदों की फेहरिश्त पर नजर डाल लेते। देश की जनता जानना चाहती है महंगाई कम करने का वायदा कर वोट लेने वाली मोदी के राज में महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है। डीजल, पेट्रोल, खाद्य पदार्थ, साबुन, कपड़ा, रोजमर्रा के समान सभी के दाम बढ़ गये इस पर मोदी के प्रवक्ता क्यों चुप है? हर साल दो करोड़ रोजगार के वायदे का क्या हुआ? 15 लाख को तो भाजपाई जुमला बता चुके है लेकिन किसानों की आय दुगुनी कब होगी? छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के किसानों के लिये किये जा रहे कामों पर टीका टिप्पणी करने वाले सुधांशु की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के द्वारा किसानों के लिये किये जा रहे कामों का दशांश भी कर दे तो देश भर के किसानों का कुछ भला हो जाये।
मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को अनुसरण करने की सीख अपने पास रखे देश मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रहा। नोटबंदी, जीएसटी के फायदे मोदी आज तक देश की जनता को नहीं बता पाये है। देश में बेरोजगार चरम पर है। छत्तीसगढ़ को मोदी सरकार से नहीं मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार से सीख लेनी चाहिये। आज छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.06 प्रतिशत है। देश की बेरोजगारी दर 7.62 प्रतिशत है। देश के किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा, छत्तीसगढ़ के किसान समर्थन मूल्य से ज्यादा अपने ऊपज की कीमत पा रहे है। मोदी सरकार ने एक भी चुनावी वायदे को पूरा नहीं किया, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार साढ़े तीन साल में 36 में से 30 वायदों को पूरा कर दिया। यह होता है राजनैतिक कमिटमेंट।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर कटाक्ष करने के पहले सुधांशु को छत्तीसगढ़ भाजपा की गुटबाजी को देखना चाहिये। 14 विधायकों वाली भाजपा में नेता प्रतिपक्ष के लिये 9 उम्मीदवार सामने आ गये थे उसके बाद भी उनकी प्रभारी पुरंदेश्वरी एक भी भाजपा के नेता को पार्टी का चेहरा नहीं मानती। उनके ही पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय को अपने प्रदेश अध्यक्ष में आक्रमकता नहीं दिख रही। गुटबाजी का आलम यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह मीडिया में सार्वजनिक स्वीकार कर चुके है कि विष्णु देव साय की जगह अध्यक्ष बनने के लिये आधा दर्जन लोग कपड़े सिलवा चुके है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की मजबूती पर दुबले होने के बजाय भाजपा प्रवक्ता को राज्य में अपनी पार्टी की सेहत पर ध्यान देना चाहिये जो राज्य में नेतृत्व और मुद्दों के दिवालियेपन से जूझ रही है।