प्रयागराज
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी मामले में मुख्य आरोपी आनंद गिरी को नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल शिफ्ट किया गया है. प्रशासनिक कारणों से जेल शिफ्ट करने की बात कही जा रही है. 3 दिन पहले आनंद गिरि का डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट से विवाद हुआ था.
आनंद गिरी के अधिवक्ताओं ने प्रमुख सचिव गृह के साथ ही डीएम व एसएसपी को पत्र भेजकर इसकी शिकायत की थी. नैनी जेल के सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट पी एन पांडेय ने ये जानकारी दी.
प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदेहास्पद स्थिति में मौत की जांच में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई की चार्जशीट से खुलासा हुआ है कि 23 मई को आरोपी आनंद गिरि, महंत रवींद्र पुरी और नरेंद्र गिरि की बातचीत में आनंद गिरि ने ऑडियो-वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी.
बताया जाता है कि आनंद गिरि हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी के पास पहुंचा था. रविंद्र ने आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी और इन दोनों की बात भी कराई थी. सीबीआई को आरोपी आनंद गिरि के मोबाइल से महंत नरेंद्र गिरि और महंत रवींद्र पुरी के साथ हुई बातचीत की तमाम रिकॉर्डिंग मिली थी.
ऑडियो और वीडियो वायरल करने की धमकी के तीसरे दिन, आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि के बीच लखनऊ में समझौता हो गया था. यह समझौता 26 मई को पूर्व मंत्री इंदु प्रकाश मिश्रा के लखनऊ स्थित आवास पर हुआ था. आत्महत्या से पहले महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि की ब्लैक मेलिंग का जिक्र, सतुआ बाबा से बातचीत में किया था.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया. पुलिस के मुताबिक उस सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद समेत अपने कई शिष्यों का जिक्र किया. अपने 7 पेज के सुसाइड नोट में महंत ने मानसिक रूप से परेशान होने की बात कही. दरअसल, महंत और उनके शिष्य स्वामी आनंद गिरि के बीच का विवाद काफी चर्चाओं में रहा था. आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगे थे. जिसके बाद उन्हें निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था. आनंद गिरी संगम में लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हुआ करते थे. उन्हें महंत नरेंद्र गिरि का प्रिय शिष्य माना जाता था.