पम्‍पी की कंपनी के डायरेक्‍टर ने खुद को बताया डमी, IT का खुलासा- 120 करोड़ का हुआ अघोषित लेन-देन, विदेशों से भी आई रकम

 कानपुर
सपा एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के ठिकानों पर आयकर छापों की तफसील विभाग ने जारी कर दी है। इसके मुताबिक पंपी ने कई शेल कंपनियां बना रखी थीं। ऐसी कंपनियों के निदेशकों में से एक ने शपथपत्र पर स्वीकार किया है कि वह एक डमी निदेशक था। उसने समूह के प्रमोटरों के कहने पर समूह की कंपनी की शेयर पूंजी में निवेश किया था।

नए साल से ठीक पहले समाजवादी इत्र बनाने वाले पम्पी जैन और कन्नौज के सबसे बड़े इत्र कारोबारी फौजान मलिक से करीब 120 करोड़ रुपये के अघोषित लेनदेन, कैश और विदेशों से आई रकम का खुलासा आयकर विभाग ने किया है। इसमें लगभग 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के सबूत पम्पी जैन से मिले हैं जबकि मलिक ग्रुप से 22 करोड़ रुपये की अघोषित आय मिली है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की प्रवक्ता और आयकर आयुक्त सुरभि अहलूवालिया ने छापों का पूरा ब्योरा जारी किया है।

आयकर विभाग को यह भी पता चला है कि संयुक्त अरब अमीरात के ऑफशोर संस्थानों में से एक ने अवैध रूप से शेयरहोल्डिंग ली है। समूह की एक भारतीय इकाई में 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन कई गुना ज्यादा प्रीमियम पर किया गया। यूएई की इकाई से 16 करोड़ लेने के बाद पम्पी जैन की देश में कोलकाता स्थित कुछ शेल संस्थाओं से अवैध शेयर पूंजी के रूप में 19 करोड़ रुपये प्राप्त किए।

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