आज टूटेगी मतदाताओं की खामोशी, नेताओं की पोल खुलेगी 23 को

रायपुर
कांग्रेस,भाजपा,जोगी कांग्रेस हो या निर्दलीय हर पार्टी के बड़े-छोटे नेता कर रहे हैं जीत का दावा। प्रचार के अंतिम दिन शनिवार को एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगाने से पीछे नहीं रहे। आयोग की कड़ाई के बाद भी बंटने-बंटाने का काम चलते रहा। आज वार्डो में कड़ी चौकसी के लिए कार्यकतार्ओं की तैनाती है और कल मतदान तक रहेगी। निर्वाचन आयोग के साथ पुलिस प्रशासन ने भी कमर कस ली है और जहां भी गड़बड़ी हुई तत्काल कार्रवाई होगी,सबके लिए उन्होने चेतावनी भी जारी कर दी है। इधर प्रचार के अंतिम दौर में कांगे्रस के मुख्य स्टार प्रचारक रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने तीन साल के कामकाज के आधार पर वोट मांगा लेकिन केन्द्र पर निशाना साधने से भी नहीं चूके कि  किस प्रकार छग के साथ बदले की नियत से काम किया जा रहा है। भाजपा नेता राज्य सरकार को हवा हवाई और वादाखिलाफी करने वाला बताते रहे। उन्होने तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। अमित जोगी के पास कुछ बचा नहीं तो वे कांग्रेस को कौरव की सेना बता रहे हैं। निर्दलीय बता रहे हैं किस प्रकार पार्टी नेताओं ने उनके साथ छल किया है। लेकिन अब मतदाता के लिए निर्णय की घड़ी आ गई है और कल अपने फैसले पर मुहर लगाने के लिए तैयार हैं। जहां कल मतदाताओं की चुप्पी टूटेगी वहीं 23 तारीख को मतगणना के साथ इन नेताओं की पोल भी खुल जायेगी।

नगर निगम बीरगांव, भिलाई,रिसाली,चरौदा भिलाई,जामुल नपा समेत प्रदेश के 15 निकायों में प्रचार अभियान शनिवार रात थम गया। सभी प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसंपर्क करने के साथ पर्ची बांट रहे हैं और मतदान 20 दिसंबर को सुबह 8 से शाम पांच बजे तक होगा। परिणाम 23 को आएंगे। पूरे इलाके में रविवार सुबह से ही गहमागहमी का रणनीतिक माहौल देखने को मिल रहा है।

वहीं इस बार चुनाव में कुछ नए नियम व नई चीजें देखने को मिलेंगी। जैसे इस बार उन्हें वोट करने का मौका मिलेगा जिनके नाम विधानसभा की वोटर लिस्ट में है। वोटर घर बैठे पर्ची निकाल सकेंगे। अपने उम्मीदवार के बारे में पूरा ब्योरा भी मोबाइल पर देख सकेंगे। इसके साथ ही चुनाव के नतीजों की पल-पल की जानकारी ओनो साफ्टवेयर पर मिलती रहेगी। शहर सत्ता के चुनाव में अब वोटरों को अपने मनपसंद उम्मीदवार के बारे में जानने में बड़ी आसानी होगी। वे एक क्लिक पर उसके जीवन व उपलब्धियों को जान सकेंगे। योग्य प्रतिनिधि कैसे चुनने में वोटर को राज्य निर्वाचन आयोग के ओनो सॉफ्टवेयर से मदद मिलेगी। इससे मतदाताओं को यह फैसला लेने में आसानी होगी कि उन्हें किसे चुनना है। इस आधार पर वे अपने वोट का फैसला कर सकते हैं।लेकिन यह सब नए तरीके कहां तक परिपालन में आ सकते हैं यह भी देखने वाली बात है।