बुल्डोजर, बनारस और बड़बोलेपन का आज इम्तिहान, दलों ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर

 लखनऊ

यूपी के सत्ता संग्राम के अंतिम चरण के चुनाव में बुल्डोजर, बनारस और बड़बोलेपन का भी इम्तिहान होगा। सोमवार को होने वाला यह चुनाव सियासी मठों, गढ़ों और प्रतीकों के बनने-बिगड़ने की कहानी भी लिखेगा। यही वो चरण है जिसे आधार बनाकर बाबा का बुल्डोजर चुनावी ब्रांड बना। बाबा विश्वनाथ की नगरी और पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के चुनाव पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। वहीं बढ़-चढ़कर सियासी दावे करने के लिए पहचाने जाने गाजीपुर, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर और मिर्जापुर वाले ओमप्रकाश राजभर के दमखम की परख भी चुनावी चक्रव्यूह के इस अंतिम द्वार पर ही होनी है।यूपी के चुनाव का सातवां और अंतिम चरण बेहद खास है। नौ जिलों की 54 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सभी दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया है।

पीएम ने डाला डेरा, अखिलेश-प्रियंका ने भी लगाई ताकत
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरी चरण पर सबसे ज्यादा फोकस किया है। उन्होंने न केवल काशी में डेरा डाला बल्कि आधा दर्जन चुनावी रैलियां भी की हैं। इनमें गाजीपुर, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर और वाराणसी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने वाराणसी में बूथ स्तर के हजारों कार्यकर्ताओं से संवाद और रोड शो भी किया। पिछले चुनाव में भाजपा ने बनारस की सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार पीएम के इस संसदीय क्षेत्र की सीटों पर सपा और कांग्रेस ने भी ताकत झोंकी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अंतिम चरण की सीटों के लिए कई रैलियां और रोड शो किए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने भी कई रोड शो के जरिए माहौल बनाने का प्रयास किया है। नतीजे बताएंगे कि किसकी मेहनत रंग लाई।
मऊ के मुख्तार का भी होगा फैसला
इस चुनाव में यदि कोई एक शब्द सबसे ज्यादा सुनाई दिया तो वो है बुल्डोजर। वो बुल्डोजर जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ब्रांड बन गया है। दरअसल योगी सरकार ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की कई बिल्डिंगों को बुल्डोजर से जमींदोज किया। इन इमारतों के साथ सरकार ने पूर्वांचल के दबंगों के इकबाल पर भी बुल्डोजर चलाने का संदेश देने की कोशिश की। मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सुभासपा के प्रत्याशी हैं। इसी चरण में मऊ और गाजीपुर की सरजमीं पर मुख्तार के सियासी अख्तियार का इम्तिहान भी है।
राजभर की कई मोर्चों पर परीक्षा
अब बात बड़बोलेपन की। योगी सरकार में काबीना मंत्री रहते ही बगावत का झंडा बुलंद करने वाले सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर चुनाव से पहले से ही बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं। उनके निशाने पर भाजपा है। राजभर की आखिरी चरण में बड़ी परीक्षा है। वे खुद जहूराबाद से तो उनका बेटा अरविंद वाराणसी की शिवपुर सीट से मैदान में है। इस चरण की कई सीटें उनके खाते में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि राजभर की छड़ी खुद को और अखिलेश यादव को कितना सहारा दे पाती है।