
लखनऊ गोरखपुर
योगी 2.0 सरकार लगातार ऐक्शन में है। इस बीच गोरखपुर के डायट प्राचार्य भूपेंद्र कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। भूपेन्द्र कुमार कर्मचारियों और प्रवक्ताओं की सेवापुस्तिकाओं को अपडेट नहीं करने, पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए कोई कार्ययोजना न बनाए जाने समेत वित्तीय अनियमितताओं में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच संयुक्त निदेशक गणेश कुमार को सौंपी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आरवी सिंह ने आदेश जारी कर दिया है। भूपेन्द्र कुमार पर शैक्षिक व्यवस्था बनाने में कोई दिलचस्पी न लेने, शासनादेश-विभागीय दिशा निर्देशों का पालन न करने, कर्मचारियों का उत्पीड़न करने, मनमाने तरीके से काम करने समेत कर्मचारियों से अमर्यादित व्यवहार करने के आरोप हैं। इसके अलावा शिक्षक प्रशिक्षण के संबंध में व्यय जेम आधारित क्रम प्रक्रिया को न अपनाकर निर्धारित दर से अधिक भुगतान करने संबंधी वित्तीय अनियमितता भी करने का मामला सामने आया है।
ज्वानिंग के एक माह बाद ही विवाद में आ गये थे डायट प्राचार्य
नाम न छापने की शर्त पर डायट कर्मियों ने बताया कि निलंबित डायट प्राचार्य ज्वानिंग के एक माह बाद से ही विवादो में आ गए। उन्होंने अपनी मनमानी करते हुए डायट कार्यालय को अपने हिसाब से सही कराने से लेकर शिक्षण कार्य में कई विषयों को चलाने के बाद से ही विवादो में आ गये। चूंकी अधिकारी होने के बाद डायट के कर्मचारी और प्रवक्ता उनकी बातों को कर रहे थे। डायट प्राचार्य के ऊपर यह भी आरोप है कि उन्होंने कई प्रवक्ताओं को दबाव में लेने के लिए खूद ही जांच करवाकर और आरोप साबित कर उक्त कर्मी पर कार्रवाई का भय बनाकर अपना काम करवाते रहे।