
सीहोर-रेहटी। चैत्र नवरात्र से पहले आने वाली अमावस्या भूतड़ी अमावस्या होती है। इस बार वैसे तो अमावस्या एक अप्रैल को है और 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे, लेकिन भूतड़ी अमावस्या से एक दिन पहले ही कई लोगों ने अमावस्या मना ली। इस दौरान रेहटी तहसील के आंवलीघाट तट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में डुबकी लगाई। इसके बाद लोग मां विजयासनधाम सलकनपुर भी दर्शन करने के लिए पहुंचे। आज भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु आंवलीघाट में स्नान के लिए पहुंचेंगे।
कोरोनाकाल के कारण पिछले दो वर्षों से त्यौहारों के समय नर्मदा घाटों पर स्नान के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके चलते कई
तैनात रही पुलिस एवं गोताखोंरों की टीम-
भूतड़ी अमावस्या से एक दिन पहले नर्मदा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ की सुरक्षा को लेकर पुलिस एवं प्रशासन की टीम मुस्तैद रही। इस दौरान प्रशासन ने गोताखोरों की टीम को भी तैनात कर रखा था, ताकि किसी अप्रिय घटना को होने से रोका जा सके। दरअसल नर्मदा तट आंवलीघाट पर कई बार हादसे हो चुके हैं। कई लोग गहरे पानी में जाकर डूब चुके हैं, लेकिन इस बार प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। भूतड़ी अमावस्या से पहले नर्मदा यात्रा एवं पंचकोशी यात्रा के लोग भी बड़ी संख्या में आंवलीघाट पहुंचे और स्नान किया। ये लोग दो दिन पहले ही नर्मदा तट पर पहुंच गए थे।
भूतड़ी अमावस्या पर लगता है भूतों का मेला-
भूतड़ी अमावस्या पर रेहटी तहसील के आंवलीघाट तट का खास महत्व पुराणों में भी बताया गया है। भूतड़ी अमावस्या पर आंवलीघाट तट पर भूतों का मेला लगता है। यहां पर इस दिन जिन लोगों को भूत-प्रेत सहित अन्य बाहरी बाधाएं होती हैं वे यहां पर आकर नर्मदा स्नान करते हैं और इन बाहरी बाधाओं से मुक्ति के उपाय करते हैं। यहां पर इन भूत-प्रेतों से बचाव करने वाले कई देवस्थानों से भी लोग आते हैं। जिन लोगों के शरीर में देवी-देवता आते हैं वे खासतौर पर भूतड़ी अमावस्या पर आंवलीघाट स्नान के लिए आते हैं। यहां पर स्नान करने के बाद वे नए वस्त्र धारण करते हैं और पूजा-पाठ करके अपनी सिद्धियों को भी सिद्ध करते हैं। दरअसल वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी लोग निभाते चले आ रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि भूतड़ी अमावस्या वर्ष में एक बार ही आती है, इसके लिए इस दिन मां नर्मदा में स्नान करना बेहद जरूरी होता है। इस दिन स्नान करने से जहां तन-मन में शुद्धता आती है तो वहीं बाहरी बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। आंवलीघाट नर्मदा तट पर हर वर्ष भूतड़ी अमावस्या पर लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और स्नान करते हैं। इसके बाद लोग यहां से सलकनपुर धाम पहुंचकर मां विजयासन के भी दर्शन करते हैं। भूतड़ी अमावस्या पर दूर-दूर से लोग आंवलीघाट पहुंचते हैं। प्रदेश के मालवा-निमाड़ से बड़ी तादाद में लोग यहां स्नान के लिए आते हैं।