पहले जमीन पर कब्जा जमाया, अब मकान बना रहे, नोटिस दिया, लेकिन फिर भी चल रहा है काम

रेहटी तहसील के गांव चंदपुरा में सरकारी जमीन पर बन रहे अवैध मकान का मामला

सीहोर। सरकारी जमीन पर वर्षों पहले कब्जा करने वाले दो भाइयों में से एक अब उस पर मकान बना रहे हैं। इस मामले की शिकायत जब हुई तो मामले की जांच कराई गई। जांच मेें सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मकान बनाना पाया गया। इस मामले में तहसीलदार रेहटी ने स्थगन आदेश भी जारी कर दिया, लेकिन फिर भी अवैध तरीके से मकान बनाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार रेहटी तहसील के गांव चंदपुरा में वर्षोें पहले इमरतसिंह राजपूत, दशरथ सिंह राजपूत पिता रामप्रसाद राजपूत द्वारा 4-4 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा जमा लिया। वर्षों से इनके पास यह सरकारी जमीन है, लेकिन अब इस सरकारी जमीन पर इमरत सिंह राजपूत पिता रामप्रसाद राजपूत द्वारा अवैध तरीके से बागढ़ करके कब्जा जमाकर मकान बनाया जा रहा है। इमरत सिंह राजपूत द्वारा इस संबंध में पंचायत से भी अनुमति के लिए आवेदन दिया गया था। बताया जा रहा है कि पंचायत द्वारा भी इसकी अनुमति दी गई है, जबकि सरकारी जमीन पर अनुमति का अधिकार राजस्व विभाग है।
सरकार दे रही पट्टे, लेकिन कब्जा नहीं कर सकते-
राज्य सरकार गरीबों को रहने के लिए पट्टे दे रही है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले से कोई मकान या जमीन न हो, लेकिन गांव चंदपुरा के इमरत सिंह राजपूत पिता रामप्रसाद राजपूत के पास गांव में मकान है। इस मकान में येे वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी ये सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे हैं और अब उस मकान भी बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि गांव में कई ऐसे लोग भी हैं, जिनके पास न तोे खुद की जमीन हैै औैर न ही कोई मकान है, लेकिन उन्हें जमीन नहीं मिल पा रही है, जबकि इन्होंने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जमा रखा है।
स्थगन का दिया नोटिस-
इस संबंध में रेहटी तहसीलदार केएल तिलवारी ने बताया कि गांव चंदपुरा में सरकारी जमीन पर मकान बनाने की शिकायत मिली थी। इसके बाद जांच कराई गई, जिसमें यह सही पाया गया कि सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मकान बनाया जा रहा है। कब्जाधारी को स्थगन का नोटिस दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी यदि मकान बनाया जा रहा है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी एवं अवैध मकान को तोेड़ा भी जाएगा।
ग्राम पंचायत चंदपुरा के सरपंच अर्जुन कीर ने बताया कि सरकारी जमीन पर अनुमति से संबंधित पत्र पंचायत में दिया गया था, लेकिन पंचायत को इस संबंध में कोई अधिकार नहीं है कि वह सरकारी जमीन पर मकान बनाने की अनुमति दे। पंचायत द्वारा अनुमति नहीं दी गई।