सीहोर-रेहटी। हमारे लोकतंत्र में संवैधानिक कार्यों के लिए नियम, कानून बनाए गए हैं। इसके लिए एक सिस्टम भी है, लेकिन ये नियम-कानून और सिस्टम रसूखदार लोगों के आगे नहीं चलता। यहां तोे इनके रसूख से ही काम चलता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योेंकि बुधनी विधानसभा की रेहटी तहसील में चल रहे अवैध उत्खनन सहित अन्य कार्यों में क्षेत्र के कई सत्ता-संगठन से जुड़े रसूखदार भी हैं, जिनकेे संरक्षण में यहां पर अवैध उत्खनन, अवैध मिट्टी, गिट्टी और कोपरे का कार्य चल रहा है। अवैध उत्खनन में लगे लोगों कोे इन सत्ता-संगठन से जुड़े रसूखदारों का संरक्षण प्राप्त है, इसके लिए यहां पर कार्रवाई करने से अधिकारी भी परहेज करते हैं।
बुधनी विधानसभा की रेहटी तहसील आजकल अवैध कार्योें से ज्यादा अपनी पहचान बना रही है। तहसील केे अंतर्गत आने वाले कई क्षेत्रों में बेरोकटोक अवैध मिट्टी, गिट्टी औैर कोेपरे का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इन कार्यों में लगे लोगों को भाजपा एवं संगठन से जुड़े नेताओें का संरक्षण भी प्राप्त है। यही कारण है कि लीज समाप्त होने केे बाद भी इनका कार्य चल रहा है। दरअसल इन लोगों पर अधिकारी भी कार्रवाई करनेे से परहेज करते हैं। यदि अधिकारी अपने अधिकारों का उपयोग करते हैं तोे ये रसूखदार लोग भी अपने अधिकारों का उपयोग करकेे अधिकारियोें का तबादला करवा देते हैं।
दिनभर चलती है अवैध खुदाई-
रेहटी तहसील के बोेरी, सेमरी क्षेत्र के जंगलों में दिनभर जेसीबी और पोकलेन मशीन से अवैध खुदाई करके कोपरा और मिट्टी निकाली जा रही है। इसी तरह नियम विरूद्ध तरीके से इस क्षेत्र मेें अन्य अवैध कार्यों का भी संचालन किया जा रहा है। ये अवैध कार्य चलने के पीछे भी रसूख का ही है कि लीज समाप्त होने के बाद भी कार्य संचालित हैै। दरअसल अवैध मिट्टी और कोपरा खोदने में लगेे स्थानीय कारोबारियों के हौंसले भी इतने बुलंद हैं कि वे न तोे कार्रवाई से डरते हैं और न ही उन्हें ये अवैध कार्यों को करने का कोई मलाल है। वे तो सिर्फ अपनी कमाई करने में लगे हुए हैं उन्हें सरकारी खजाने की कोई चिंता नहीं है।
खराब कर रहे हैं जंगल और जमीन की सेहत-
बोरी, सेमरी केे जंगल सहित भड़कुल, पीपल्या क्षेत्र में चल रहे अवैध उत्खनन के कारण जहां जंगल में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए गए हैं तो वहीं सरकारी जमीन की भी सेहत को खराब किया जा रहा है। अवैध उत्खनन करके मिट्टी और कोपरा निर्माणाधीन भवन कार्यों में भर्ती के लिए डाला जा रहा है। इसकी न तो कोई अनुमति ली गई है और न ही इसकी कोई रायल्टी जमा कराई जा रही है।
इनका कहना है-
वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन की शिकायत मिली थी, लेकिन जब हमने इसकी जांच करवाई तो यह अवैध उत्खनन वन विभाग की जमीन से 100 मीटर की दूरी पर होता पाया गया। हमारी टीम लगातार वन क्षेत्रों पर नजर बनाए रखती है।
– रीतू तिवारी, वन परिक्षेत्र अधिकारी, वन मंडल रेहटी।