
वॉशिंगटन/मॉस्को
पूर्वी यूक्रेन के दोनों रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुगांस्क को अलग स्वतंत्र राज्य घोषित करने के फैसले के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देश रूस के खिलाफ बुरी तरह से भड़क गये हैं और पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिकों के घुसने के बाद अब महायुद्ध की आशंका जताई जा रही है। वहीं, अमेरिका ने पहला बड़ा कदम उठाते हुए रूस पर बड़ा प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है।
रूस पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है, जिन्हें रूसी राष्ट्रपति ने एक भाषण के दौरान स्वतंत्र राज्यों के तौर पर मान्यता दी है। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा है कि, अगर रूस अगला कदम उठाता है, तो फिर रूस के खिलाफ और भी प्रतिबंधों की घोषणा की जाएगी। व्हाइट हाइस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि, ''अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों में किसी भी अमेरिकी व्यक्ति या फिर कंपनी द्वारा निवेश पर, व्यापार पर और किसी भी तरह के वित्तपोषण पर प्रतिबंध लगाने की कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करेंगे।'' अमेरिका ने कहा है कि, ''अमेरिका अब ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाएगा, जो डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्र में व्यापारिक काम करेंगे।'' वहीं, अमेरिका ने साफ किया है कि, उसने जो प्रतिबंध लगाए हैं, वो पश्चिमी देशों के द्वारा लगाए गये प्रतिबंधों से अलग हैं।
अमेरिकी प्रतिबंधों का कितना असर?
हालांकि, अमेरिका ने डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों में अमेरिकी वित्तपोषण पर प्रतिबंध जरूर लगा दिए हैं, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी निवेश इन क्षेत्रों में पहले से ही काफी कम हैं। लिहाजा इन प्रतिबंधों का असर इन दोनों क्षेत्रों पर पड़ने की संभावना काफी कम है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अलगाववादी क्षेत्रों की रूस की मान्यता को एक संकेत के रूप में खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कूटनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि, दोनों क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देना "राजनयिकता के लिए रूस की दावा की गई प्रतिबद्धता के सीधे विपरीत है, और यह यूक्रेन की संप्रभुता पर एक स्पष्ट हमला है।"
फ्रांस ने भी की प्रतिबंध की मांग
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के दो पूर्वी अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र मानने के क्रेमलिन के कदम की सोमवार को निंदा की है और यूरोपीय संघ से मास्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों पर सहमत होने का आग्रह किया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा कि, "राष्ट्रपति मैंक्रों इस फैसले की निंदा करते हैं… वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक और यूरोपीय प्रतिबंधों को अपनाने की मांग कर रहे हैं।" फ्रांसीसी राष्ट्रपति की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, ''रूस का फैसला स्पष्ट तौर पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का एकतरफा उल्लंघन है और यह यूक्रेन की संप्रभुता का भी उल्लंघन करता है''। आपको बता दें कि, फ्रांस ने आखिर आखिर तक रूस और यूक्रेन तनाव कम करने की कोशिश की थी। वहीं, फ्रांस की तरफ से ये बयान उस वक्त जारी किया गया है, जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने यूक्रेन संकट का आकलन करने के लिए फ्रांस की रक्षा और सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की है।