कीव/वॉशिंगटन
यूक्रेन युद्ध का आज चौथा दिन है और रूस ने राजधानी कीव को घुटनों पर लाने के लिए भारी बमबारी करनी शुरू कर दी है। इस बीच यूक्रेन के समर्थन में और रूस के खिलाफ पूरी दुनिया में प्रदर्शन हो रहे हैं। इन सबके बीच अमेरिका के लोगों का मानना है कि, डोनाल्ड ट्रंप रहते तो व्लादिमीर पुतिन की हिम्मत नहीं होती, कि वो यूक्रेन पर हमला कर देते।
डोनाल्ड ट्रंप की आई याद डोनाल्ड ट्रंप की आई याद शुक्रवार को जारी एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, करीब दो तिहाई अमेरिकियों का मानना है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करते। हार्वर्ड सेंटर फॉर अमेरिकन पॉलिटिकल स्टडीज-हैरिस पोल सर्वेक्षण में करीब दो तिहाई अमेरिकियों ने जो बाइडेन की रणनीति पर सवाल उठाए हैं और सर्वे में शामिल 62 प्रतिशत अमेरिकियों का कहना है कि, अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो वो व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में युद्ध अपराध नहीं करने देते। सबसे दिलचस्प बात ये है, कि जो बाइडेन की अपनी ही डेमोक्रेटिक पार्टी के 39 प्रतिशत लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप पर भरोसा जताया है, जबकि 85 प्रतिशत रिपब्लिकन्स ने कहा है कि, डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को रोक सकते थे।
कमजोर निकले राष्ट्रपति बाइडेन?
इस सर्वे में 59 प्रतिशत अमेरिकी लोगों का मानना है कि, युद्ध रोकने में राष्ट्रपति जो बाइडेन कमजोर साबित हुए हैं। सर्वे में शामिल 59 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों ने कहा है कि, ये राष्ट्रपति जो बाइडेन की कमजोरी ही है, जिसने रूस को यूक्रेन पर हमला करने के लिए प्रेरित किया है। ये सर्वे 'द हिल' सर्वेक्षण के द्वारा किया गया है। हालांकि, 38 प्रतिशत ऐसे भी अमेरिकी हैं, जिन्होंने कहा है कि, राष्ट्रपति चाहे कोई भी होता, रूस किसी भी हाल में यूक्रेन पर हमला करता ही। वहीं, 41 प्रतिशत लोगों का कहना है कि, अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय में बैठे शख्स ने यूक्रेन पर हमला करने के पुतिन के फैसले में कोई भूमिका नहीं निभाई है।
यूक्रेन के लिए बाइडेन ने क्या किया?
आपको बता दें कि, राष्ट्रपति बाइडेन ने 'विश्वयुद्ध' का हवाला देते हुए और यूक्रेन के नाटो में नहीं होने का हवाला देते हुए यूक्रेन को सैन्य मदद देने से इनकार कर दिया है। लेकिन अमेरिका की तरफ से रूस के खिलाफ काफी सख्त प्रतिबंध लगाए गये हैं। वहीं, शुक्रवार रात व्हाइट हाउस ने यूक्रेन को 35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता देने की घोषणा की है। इसने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को निकालने की भी पेशकश भी थी, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया और यूक्रेनी राष्ट्रपति ने आखिरी दम तक कीव में ही रहने की कसम खाई है। अमेरिका ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। बाइडेन की घट गई स्वीकृति रेटिंग बाइडेन की घट गई स्वीकृति रेटिंग सर्वे में कहा गया है कि, यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका में बाइडेन की 'अनुमोदन रेटिंग' बुरी तरह से प्रभावित हुई है और अफगानिस्तान युद्ध के बाद ये दूसरा मौका है, जब अमेरिका के लोगों ने जो बाइडेन की कार्यशैली पर गंभीर नाराजगी और निराशा जताई है। आपको बता दें कि, ये सर्वे 23 और 24 फरवरी को किया गया है, जिसमें 2026 रजिस्टर्ड मतदाताओं ने हिस्सा लिया था। हालांकि, सर्वेक्षण एजेंसी ने कहा है कि, ये सर्वेक्षण एक बड़े भूभाग पर किया गया है।
यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले ट्रंप यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले ट्रंप यूक्रेन युद्ध पर अपने पिछले रुख से अचानक 180 डिग्री पलटते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के आक्रमण को "भयावह" बताया और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ खड़े नहीं होने के लिए बिडेन प्रशासन पर निशाना साधा है। फ्लोरिडा में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (सीपीएसी) में ट्रंप ने कहा, "यूक्रेन पर रूसी हमला भयावह है। यह एक आक्रोश और अत्याचार है जो कभी नहीं होना चाहिए था। ऐसा कभी नहीं हुआ होगा… हम यूक्रेन के गौरवान्वित लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।" वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडमिर ज़ेलेंस्की की बहादुर के रूप में प्रशंसा करते हुए, ट्रम्प ने व्लादिमीर पुतिन के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी रेखांकित करते हुए दावा किया, कि अगर वो व्हाइट हाउस में रहते, तो यह आक्रमण नहीं हुआ होता। आगे डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "ये बहुत दुःख की बात है। पुतिन ड्रम की तरह बाइडेन को बजा रहे हैं और यह कोई सुंदर चीज नहीं है''।
यूक्रेन दे रहा मुंहतोड़ जवाब- ब्रिटेन यूक्रेन दे रहा मुंहतोड़ जवाब- ब्रिटेन ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार देर रात एक बयान में कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में कड़े प्रतिरोध का सामना कर रही है और उसकी प्लानिंग बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। यूनाइटेड किंगडम एमओडी इंटेलिजेंस अपडेट ने रॉयटर्स को बताया कि, "रूसी सेना को आगे क्या करना है, उसकी योजना वो नहीं बना पा रही है और अब उन्हें रसद सामग्रियों की दिक्कत होने गी है। " एमओडी ने कहा कि, रूसी सेना " को भारी नुकसान हुआ है और सैकड़ों जवान मारे गये हैं और कई रूसी सैनिकों को बंदी बनाया गया है''।