इस्लामाबाद
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरी इमरान खान सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बुधवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान से मुलाकात की। मुलाकात के बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना एक बार फिर से बड़ा कदम उठा सकती है। इमरान खान और बाजवा के बीच बैठक प्रधानमंत्री ऑफिस में हुई।
दरअसल, पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में असमर्थता को लेकर इमरान खान सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बैठक को लेकर जारी संक्षिप्त आधिकारिक बयान के अनुसार मीटिंग में पाकिस्तानी सेना से संबंधित व्यावसायिक मामलों पर चर्चा की गई। हालांकि, इस संबंध में कोई विवरण नहीं दिया गया।
यह बैठक ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन की ओर से जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी के बाद हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी की 2021 की रिपोर्ट में 16 स्थान गिरकर 140 स्थान पर आ गया। रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की जवाबदेही और आंतरिक सलाहकार शहजाद अकबर ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। शहजाद के इस्तीफे पर विपक्ष ने कहा कि वो भ्रष्टाचार के मामलों में विपक्ष को फंसाने में नाकाम रहे जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। विपक्षी दलों ने अकबर के इस्तीफे और रिपोर्ट को भ्रष्टाचार से निपटने में खान की विफलता का संकेत बताया और उनके इस्तीफे की मांग की।
इमरान खान सरकार पर दबाव बनाने के लिए, लगभग एक दर्जन विपक्षी दलों का गठबंधन, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने 23 मार्च को देशव्यापी विरोध शुरू करने की घोषणा की, ताकि उन्हें इस्तीफा देने और नए चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके। विपक्ष के आरोपों को इमरान खान ने खारिज कर दिया। इसके साथ-साथ इमरान ने चेतावनी दी है कि सत्ता से बेदखल होने पर वह और अधिक खतरनाक होंगे।
बता दें कि पाकिस्तान सेना वहां की सत्ता को परोक्ष रूप से नियंत्रित करती है। पाकिस्तान बनने के 73 से अधिक सालों में आधे से अधिक समय तक सेना ने वहां शासन किया है। सेना वहां की सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी शक्ति का प्रयोग करती है। यही वजह है कि विपक्षी की ओर से घिरने के बाद सेना प्रमुख ने इमरान खान के साथ बैठक की है।