वाशिंगटन
दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार और माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स (Bill Gates) कोरोना वायरस जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं. उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने इसमें लिखा, ‘मेरी कोविड-19 (Covid-19) की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मैं फिलहाल हल्के लक्षण महसूस कर रहा हूं. जब तक मैं फिर से पूरी तरह स्वस्थ नहीं जाता, मैं क्वारंटीन (Quarantine) में ही रहूंगा. इस समय डॉक्टरों की सलाह का पालन कर रहा हूं.’ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन दुनिया का सबसे प्रभावशाली निजी फाउंडेशन है, जिसके पास लगभग 65 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति है.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने कोरोना वायरस का टीका लगवा लिया था और इसकी बूस्टर डोज भी ले ली थी. हमारे पास कोरोना परीक्षण और चिकित्सा देखभाल की अच्छी सुविधाएं हैं.’ बता दें कि बिल गेट्स कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से लगातार गरीब देशों में वैक्सीन और दवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. उनके फाउंडेशन ने अक्टूबर में ऐलान किया था कि वह कम आय वाले देशों के लिए दवा निर्माता मर्क की एंटीवायरल COVID-19 गोली के जेनेरिक वर्जन को लोगों तक पहुंचाने के लिए 120 मिलियन डॉलर खर्च करेंगे.
एक और महामारी को लेकर बिल गेट्स ने की थी भविष्यवाणी
माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने कुछ समय पहले कहा था कि दुनिया को एक और महामारी का सामना करना पड़ सकता है, जोकि सांस संबंधी दिक्कत पैदा करने वाले वायरस से जुड़ी हो सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसे में चिकित्सा ढांचे, मेडिकल सुविधाओं को मजबूत करने के साथ ही टीके विकसित करने पर जोर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ऐसा जरूरी नहीं है कि यह महामारी कोरोना वायरस या सिर्फ फ्लू की तरह हो. यह संभवत: श्वसन संबंधी दिक्कत पैदा करने वाले वायरस से जुड़ी हो सकती है.
भारत की वैक्सीन की तारीफ कर चुके हैं बिल गेट्स
बिल गेट्स भारत की वैक्सीन-निर्माण स्किल्स से बेहद प्रभावित हैं और अतीत में इसकी जमकर तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘भारतीय वैक्सीन निर्माताओं को धन्यवाद, दुनिया का लगभग हर देश अब बच्चों को निमोनिया और वायरस जैसी बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन लगा पा रहा है, जो दशकों से बच्चों की मौत का प्रमुख कारण रही हैं.’ उन्होंने यह बात वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य साझेदारी पर आयोजित एक वर्चुअल गोलमेज सम्मेलन में कही थी.