नई दिल्ली
जर्मनी के नेवी चीफ वाइस एडमिरल के-एकिम स्कोनबाच ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल यूक्रेन विवाद पर भारत की यात्रा के दौरान दिल्ली में नेवी चीफ ने यूक्रेन को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान स्नोबाच ने कहा था कि यूक्रेन कभी भी क्रीमिया और को वापस हासिल नहीं कर सकता है और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बेहतर सम्मान के अधिकारी हैं। अपने इस बयान के बाद शनिवार को नेवी चीफ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक बयान जारी करके नेवी चीफ ने कहा कि मैंने रक्षा मंत्री क्रिस्टियन लैंब्रेच से अपील की है कि वह मुझे तत्काल प्रभाव से मेरी जिम्मेदारी से मुक्त करें, मंत्री ने मेरी अपील को स्वीकार कर लिया है।
यूक्रेन को लेकर जिस तरह से एचिम शॉनबाख ने अपनी सरकार से उलट बयान दिया था उसकी वजह से आखिरकार उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। एचिम ने कहा था कि रूस के राष्ट्रपति को यू्रेन को सम्मान देना चाहिए। जर्मनी की सरकार को एचिम का यह बयान पसंद नहीं आया, जिसके बाद रविवार को उन्होंने रक्षा मंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया। बता दें कि एचिम शॉनबाख ने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारत के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम पर बने मनोहर पर्रिकर इंस्टिट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति पुतिन की तारीफ की थी। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा था।
एचिम ने कहा था कि यूक्रेन को लेकर रूस को सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने यह बयान क्रीमिया पर पश्चिमी देशों के रूख के उलट दिया था। उन्होंने कहा था कि क्रीमिया जा चुका है अब वह कभी भी वापस नहीं आएया जोकि एक सच है। अहम बात यह है कि क्रीमिया पर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों का मानना है कि 2014 में मास्कों ने हमला करके क्रीमिया पर अवैध तरह से कब्जा किया है। ऐसे में इसे यूक्रेन को वापस लौटाना चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो यह तक कहा था कि रूस एक बार फिर से सोवियत संघ की स्थापना करना चाहता है।