नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी जर्मनी के दौरे पर पहुंचे हैं और इस दौरान उनकी चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात होने वाली है। इस मीटिंग में कारोबारी संबंधों के अलावा रणनीतिक मसलों पर भी चर्चा होने वाली है। लेकिन अहम बात यह है कि जर्मन चांसलर की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को जी-7 मीटिंग में स्पेशल गेस्ट के तौर पर शामिल होने के लिए निमंत्रित किया जा सकता है। यह मीटिंग 26 से 28 जून के दौरान होने वाली है। माना जा रहा है कि रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा गठबंधन करने की जर्मनी की यह एक कोशिश है। इस बार जर्मनी जी-7 की अध्यक्षता की मीटिंग करने वाला है।
इस मीटिंग में इंडोनेशिया, साउथ अफ्रीका और सेनेगल के नेता भी शामिल रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रण का ऐलान जल्दी ही जर्मनी की ओर से किया जा सकता है। कुछ दिन पहले ऐसी खबरें थीं कि जर्मनी इस बात को लेकर पसोपेश में है कि पीएम नरेंद्र मोदी को जी-7 समिट में गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया जाए या नहीं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यूक्रेन पर हमले के बाद भी रूस की निंदा न करने और उससे तेल का आयात करने के बाद जर्मनी भारत को आमंत्रित करने को लेकर पसोपेश में है। हालांकि जर्मन सरकार के सूत्रों ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया था।
भारत के साथ करीबी रिश्ते क्यों चाहता है जर्मनी
कहा जा रहा है कि जर्मन सरकार में कुछ लोगों की ऐसी राय थी। लेकिन ओलाफ शोल्ज मानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और रूस को अकेला करने में वह अहम हो सकता है। इसके अलावा ओलाफ शोल्ज चाहते हैं कि भारत और जर्मनी के बीच क्लाइमेट चेंज एवं डिफेंस सेक्टर में रिश्ते मजबूत होने चाहिए। जर्मनी की सरकार चाहती है कि अगले कुछ सालों में भारत के साथ रिश्ते मजबूत होने चाहिए। खासतौर पर रूस को अकेला करने के लिए भी जर्मनी भारत के साथ करीबी संबंध रखने और कारोबार को बढ़ावा देना चाहता है।
आज ओलाफ शोल्ज से मिलेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी और ओलाफ शोल्ज के बीच मीटिंग होने वाली है। इस दौर में भारत से जर्मनी जाने वाले लोगों को वीजा नियमों में ढील देने पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी बात होगी। पीएम नरेंद्र मोदी इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करने वाले हैं। उनके जर्मनी पहुंचने पर भारतीय समुदाय को लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।