नई दिल्ली
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर तीन अप्रैल को वोटिंग होगी। जबकि प्रस्ताव पर चर्चा 31 मार्च से शुरू हो जाएगी। ऐसे में इमरान खान भी अपनी कुर्सी बचाने के लिए खूब हाथपैर मार रहे हैं। इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सदस्यों से अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन नेशनल असेंबली में उपस्थित नहीं होने का निर्देश दिया है।
पीटाआई के सदस्यों को जारी एक चिट्ठी में इमरान खान ने उनसे नेशनल असेंबली में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने का निर्देश दिया है। इसके साथ-साथ चिट्ठी में यह भी बताया गया है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। उन्हें पार्टी के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है। सदस्यों को जारी चिट्ठी पर प्रधानमंत्री इमरान खान के हस्ताक्षर हैं। इमरान खान जो कि पीटीआई पार्टी के अध्यक्ष हैं और संसदीय नेता भी हैं।
चिट्ठी में कहा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के समय और दिन में उपस्थित नहीं होगा। इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान पार्टी की ओर से नामित सदस्य ही बोलेंगे। चिट्ठी में आगे कहा गया है कि सभी सदस्यों को यह स्पष्ट कर दिया जाता है कि कोई भी सदस्य किसी भी निर्देश का उल्लंघन नहीं करेगा। निर्देशों का उल्लंघन करना अनुच्छेद 63-ए के तहत स्पष्ट रूप से दलबदल माना जाएगा।
इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के नेता शहबाज शरीब की ओर से अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। शरीफ पाकिस्तान के तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई भी हैं। अपनी सरकार को गिरने से बचाने के लिए इमरान खान को 342 सदस्यी नेशनल असेंबली में 172 सदस्यों का समर्थन हासिल होना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर इमरान खान के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।