रूस-यूक्रेन युद्ध, लगातार बढ़ते तेल के दाम और मुद्रास्फीति ने दुनिया में भूचाल ला दिया है। इस बीच ब्रिटेन में इसका असर सबसे ज्यादा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती महंगाई की वजह से ब्रिटेन में लोग एक समय का खाना छोड़ रहे हैं। इसे हालिया समय का सबसे बड़ा आर्थिक संकट कहा जा रहा है।
एक उपभोक्ता समूह- 'हेड ऑफ पॉलिसी विच' की तरफ से तीन हजार लोगों पर किए गए सर्वे में सामने आया कि ब्रिटेन के लगभग आधे परिवार एक समय का खाना छोड़ रहे हैं। इसके अलावा लगभग इतने ही लोग पहले के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खरीदने में अक्षमता दिखा रहे हैं। इसके अलावा ब्रिटेन के करीब 80 फीसदी लोगों ने वित्तीय बोझ बढ़ने की शिकायत की है।
उपभोक्ता समूह की प्रमुख सू डेविस के मुताबिक, जीवनयापन में इस संकट की वजह से लाखों लोगों को या तो अपना खाना छोड़ना पड़ रहा है या फिर उनकी थाली से स्वस्थ खाना गायब हो रहा है। इतना ही नहीं ब्रिटेन सरकार का ऊर्जा कीमतों को कम न करने का फैसला इन सर्दियों में लोगों को घरों में बिना हीटिंग व्यवस्था के छोड़ देगा।
ब्रिटेन में यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब यहां खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ने से सितंबर में मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर 10.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने बुधवार को सितंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में सूचकांक 10.1 प्रतिशत उछल गया। अगस्त में मुद्रास्फीति में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
मुद्रास्फीति के नए आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटेन में मुद्रास्फीति वर्ष 1982 के शुरुआती समय के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस दौरान जुलाई 2022 में भी मुद्रास्फीति ने इस स्तर को छुआ था। सांख्यिकीय कार्यालय ने कहा कि सितंबर में मुद्रास्फीति की तीव्र वृद्धि में खाद्य उत्पादों का बड़ा योगदान रहा है। इस दौरान खाद्य मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में 14.5 प्रतिशत तक बढ़ गई।