कैनबरा
यूक्रेन और रूस के बीच एक तरफ तनाव बना हुआ है और आशंका है कि किसी भी वक्त रूस हमला कर सकता है और अगर रूस हमला करता है, तो फिर तीसरे विश्वयुद्ध की बात भी कही जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ चीन ने ऑस्ट्रेलियन एयरक्राफ्ट पर लेजर हथियार से हमला कर दिया है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच भारी तनाव पैदा हो गया है। (सभी तस्वीर- फाइल)
ऑस्ट्रेलिया एयरक्राफ्ट पर हमला
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग ने कहा कि, चीनी नौसेना के एक वारक्राफ्ट ने उसके सर्विलांस प्लेन पर लेजर हथियार से हमला किया है, जिसमें उसके चालक दल के सदस्यों की जान पर बन आई थी। ऑस्ट्रेलियन रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि, चीन के लेजर हमले में उसके सर्विलांस जहाज पर तैनात चालक दल के सदस्यों की जान खतरे में पड़ गई थी और वो बाल बाल बचे हैं। रक्षा विभाग के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को हुई है, जब ऑस्ट्रेलिया के पी-8ए पोसीडॉन सर्विलांस विमान पर चीन के वारक्राफ्ट से लेजर हथियार से हमला किया गया।
आक्रामक होता जा रहा चीन
आपको बता दें कि, चीनी वारक्राफ्ट का ऑस्ट्रेलियन सर्विलांस प्लेन पर लेजर हथियार से हमला करना कोई असामान्य घटना नहीं है और इस घटना के बाद ये साबित भी हो रहा है कि, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीन अब कितना आक्रामक होता जा रहा है और अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ चीन का तनाव किस हद तक बढ़ चुका है। ऑस्ट्रेलियन रक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि, लेजर हथियार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से ही छोड़ा गया था।
टोरेस जलडमरूमध्य की घटना
ऑस्ट्रेलियन डिफेंस डिपार्टमेंट ने कहा है कि, दो चीनी जहाज, जो टोरेस जलडमरूमध्य से होकर गुजर रहे थे, उन्होंने ऑस्ट्रेलियन सर्विलांस प्लेन पर लेजर हथियार से हमला किया था और दोनों चीनी वारक्राफ्ट इस वक्त कोरल सागर में मौजूद हैं। रक्षा विभाग ने चीन की इस हरकत को काफी गंभीर बताया है। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कहा गया है कि, 'हम एक अनप्रोफेशनल और असुरक्षित सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा करते है। इन कार्रवाइयों से एडीएफ कर्मियों की सुरक्षा और जीवन को खतरा हो सकता था।' आपको बता दें कि, लेजर हथियार काफी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि जब लेजर हथियार से विमान को निशाना बनाया जाता है, तो वो पायलट को अस्थाई तौर पर अंधा कर देते हैं और ऐसे में विमान हादसा होने की गंभीर आशंका बन जाती है।
अमेरिका पर भी किया था हमला
आपको बता दें कि, ये कोई पहला मौका नहीं है, जब चीन ने किसी प्लेन पर लेजर हथियार से हमला किया है। इससे दो साल पहले अमेरिका ने भी चीनी नौसेना पर लेजर फायरिंग करने का आरोप लगाया था, जब अमेरिकी पोसीडॉन विमानों ने प्रशांत क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरी थी। चीन ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद विमान ने अपने युद्धपोत के ऊपर कम ऊंचाई पर चक्कर लगाया। वहीं, 2019 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर पायलटों को दक्षिण चीन सागर में एक अभ्यास के दौरान लेजर हथियार से हमला किया गया था। जिससे बाद उन्हें इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।