संयुक्त राष्ट्र में भारत इस खूंखार आतंकी के खिलाफ लाया प्रस्ताव, तो चीन का जागा PAK प्रेम

 नई दिल्ली
 
चीन कितना भी शांति की बात करे लेकिन आतंकवादियों को लेकर उसकी दोहरी नीति बार-बार उजागर हो जाती है और पाकिस्तान के प्रति उसका प्रेम सामने आ जाता है। इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है जब संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका की तरफ से दिए गए उस प्रस्ताव पर चीन ने विरोध कर दिया जिसमें आतंकी सरगना जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया गया था।

चीन की वजह से नहीं पारित हुआ प्रस्ताव
दरअसल, न्यूज एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर की संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में नाम जुड़ने पर रोक लगा दी गई है। यह सब तब हुआ जब भारत और अमेरिका ने अजहर को इस लिस्ट में सामिल करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन चीन प्रतिबंध लगाने वाले इस प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी कर रहा है।

चीन के अलावा अन्य देश सहमत
चीन का यह कदम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि इस प्रस्ताव पर अन्य 14 सदस्य सहमत हैं। एक तथ्य यह भी है कि अमेरिका ने 2010 में ही अब्दुल रऊफ अजहर को आतंकवादियों की सूची में डाल दिया था। इसके बाद वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव भी पारित किया गया लेकिन चीन इससे पीछे हटता नजर आ रहा है।
 
मसूद अजहर का छोटा भाई है अब्दुल रउफ
अब्दुल रउफ अजहर जैश के सरगना मसूद अजहर का छोटा भाई है। रउफ अजहर ने ही इंडियन एयरलाइंस के आईसी-814 विमान को 1999 में हाईजैक करने की साजिश रची थी। जिसमें करीब 173 लोग सवार थे। इस हाईजैक के कारण भारत को अब्दुल रउफ के बड़े भाई मसूद अजहर को रिहा करना पड़ा था। तभी से यह भारत के टॉप पांच मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। भारत में जैश द्वारा किए जा रहे हमलों की योजना यही बनाता है।

भारत को दिए हैं कई दर्द
भारत में जैश द्वारा किए गए हमलों में 2001 का जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हमला, संसद पर हमला, पठानकोट आतंकी हमला, नगरोटा और कठुआ कैंप पर हमला और हाल ही में हुआ पुलवामा आतंकी हमला शामिल है। भारतीय खुफिया एजेंसी के मुताबिक अब्दुल रऊफ ही अजहर मसूद की गैर मौजूदगी में जैश से संबंधित सभी फैसले लेता है।