कोयला निर्यात पर इंडोनेशिया की रोक बनी पूरे पूर्वी एशिया की मुसीबत

जकार्ता
इंडोनेशिया ने हाल में जब कोयले के निर्यात पर पूरा प्रतिबंध लगा दिया, तो समझा गया था कि उससे सबसे ज्यादा मुश्किल चीन के लिए खड़ी होगी। लेकिन अब जापान, दक्षिण कोरिया, और फिलीपींस भी उसके इस फैसले से परेशान हैं। ये देश भी अपने यहां बिजली उत्पादन के लिए इंडोनेशिया से आए कोयले पर काफी हद तक निर्भर हैं।

अब फिलीपींस ने औपचारिक रूप से इंडोनेशिया से अपील की है कि वह कोयले के निर्यात पर पूरे प्रतिबंध का फैसला हटा ले। फिलीपींस ने कहा है कि कम से कम उसके लिए इंडोनेशिया को इस बारे में रियायत का प्रावधान करना चाहिए। सोमवार को फिलीपींस के ऊर्जा मंत्री अल्फोंसो कुसी ने इंडोनेशिया से की गई इस अपील के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बारे इंडोनेशिया के ऊर्जा मंत्री अरिफिन तसरीफ को एक पत्र भेजा गया है।

फिलीपींस के पत्र में कहा गया है कि बिजली उत्पादन के उसके संयंत्र इंडोनेशियाई कोयले पर निर्भर हैं। इसलिए इंडोनेशिया के हालिया फैसले का फिलीपींस की अर्थव्यवस्था पर बहुत खराब असर हो रहा है। इंडोनेशिया ने बीते एक जनवरी से एक महीने के लिए कोयले के निर्यात पर रोक लगा दी थी। उसने कहा था कि कोयले का उसका अपना भंडार काफी कम हो गया है। उसके पास अब इतना ही कोयला बचा है, जिससे वह जावा और बाली स्थित अपने बिजली संयंत्रों को चला सके।

इंडोनेशिया के कानून के मुताबिक वहां कोयला खनन करने वाली कंपनियों को अपने उत्पादन के 25 फीसदी हिस्से की सप्लाई घरेलू जरूरत के लिए करनी पड़ती है। इंडोनेशिया ने कहा है कि इन कंपनियों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। उन्हें अब कोयला निर्यात करने से पहले ऐसा करना होगा।

फिलीपींस के मीडिया के मुताबिक फिलीपींस ने पिछले साल हर महीने इंडोनेशिया से 23 लाख टन कोयले का आयात किया था। फिलीपींस में बिजली उत्पादन में 60 फीसदी हिस्सा कोयले से बनने वाली बिजली का है। फिलीपींस के ऊर्जा मंत्रालय ने देश के विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ- आसियान के मंच पर इस मामले को ले जाए। आसियान को इस मसले का हल निकालना चाहिए। फिलीपींस और इंडोनेशिया दोनों आसियान के सदस्य हैं।

इसके पहले जापान और दक्षिण कोरिया भी इंडोनेशिया के फैसले पर विरोध जता चुके हैं। जकार्ता स्थित जापानी राजदूत ने पिछले चार जनवरी को इंडोनेशिया के ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। उसमें निर्यात पर रोक हटाने की मांग की थी। सोमवार को जापान ने अपनी ये मांग मंत्री स्तर पर दोहराई। जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मामलों के मंत्री कोइची हगिउदा ने इस सिलसिले में जकार्ता में इंडोनेशिया के ऊर्जा मंत्री तसरीफ से मुलाकात की। जापान ने कहा है कि इंडोनेशिया से आयात होने वाला कोयला उसके यहां बिजली सप्लाई की स्थिरता के लिए महत्त्वपूर्ण है।

दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्री यिओ हान-कू इस मसले पर इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री मोहम्मद लुत्फी से ऑनलाइन वार्ता कर चुके हैं। लेकिन इंडोनेशिया पर फिलहाल इन मांगों का असर होता नहीं दिख रहा है।