पेरिस।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों लंबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच बुधवार को उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात की। पेरिस में दोनों के बीच हुई इस बैठक में जयशंकर ने यूक्रेन विवाद का हल निकालने के लिए मैक्रों द्वारा किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की।
इस बैठक में दोनों के बीच रूस-यूक्रेन संकट, प्रशांत महासागर क्षेत्र व भारत और फ्रांस के राजनयिक, रक्षा और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की गई। जयशंकर ने कहा कि हम प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा में योगदान देने के लिए यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निश्चित रूप से भविष्य को आकार देने में फ्रांस की मदद मिलेगी और सामूहिक प्रयास से ही हम प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा रख सकते हैं।
बैठक के दौरान, जयशंकर ने 2009 के बाद से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास पर यूरोपीय संघ की चुप्पी पर भी ध्यान केंद्रित किया। बैठक से पूर्व जयशंकर ने फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशल बोलते हुए कहा कि फ्रांस ने वैश्विक दृष्टिकोण और स्वतंत्र मानसिकता के साथ इस मुद्दे का हल निकालने का प्रयास किया है। यूक्रेन मामले पर जहां विदेश मंत्रालय ने अब तक चुप्पी साध रखी है, वहीं जयशंकर की मैक्रों से बैठक में माना जा रहा कि बैठक के माध्यम से उन्होंने पीएम मोदी का संदेश फ्रांस को दिया होगा।