मॉस्को । साल 2020 में रूस के साइबेरियन पर्माफ्रॉस्ट में पूरी तरह संरक्षित एक ममीकृत भालू मिला था। लेकिन अब इसे लेकर नया खुलासा हुआ है। पुराने अनुमान से यह ज्यादा युवा है और अलग ही प्रजाति का है। पूर्वी साइबेरियन सागर में स्थित एक दूरस्थ रूसी द्वीप बोल्शॉय लयाखोव्स्की पर हिरन के झुंडों को पकड़ने वालों ने इसे खोजा था। इस भालू को जब उन्होंने पाया तो इसकी त्वचा, फर, दांत, नाक, शरीर का फैट और आंतरिक अंग पूरी तरह से सुरक्षित थे। इसे देख कर पहली नजर में यही लगेगा की भालू जिंदा है।
शोधकर्ताओं ने इस भालू नाम बोल्शॉय एथरिकन नदी के नाम पर एथरिकन भालू रखा। याकुत्स्क में नॉर्थ-ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी में इस भालू के अवशेषों का विश्लेषण किया गया। जब यह भालू पहली बार मिला था तो माना जा रहा था कि ये एक विलुप्त गुफा भालू है। गुफा भालू एक प्राचीन खोई हुई प्रजाति है जो लगभग 11 फीट तक लंबे होते थे। इनका वजन लगभग 1,500 किग्रा होता था और लगभग 22,000 साल पहले ये विलुत्प हो गए थे। माना जा रहा था कि भालू की यह ममी 22,000 से ज्यादा साल पुरानी होगी। लेकिन हाल के अध्ययन में पता चला है कि यह लगभग 3,500 साल पुराना है।आनुवांशिक अध्ययन से इसके उत्तर-पूर्व में भूरे भालू के विकास का पता चला है। वर्तमान में हुए आनुवंशिक अध्ययन और रेडियोकार्बनडेटिंग पहले ही की जा चुकी है, जिसके मुताबिक इसकी उम्र 3,460 वर्ष है। ये एक मादा भालू है।
इसकी लंबाई 1.55 मीटर और वजन 78 किग्रा है। एनईएफयू टीम ने इस भालू के शव का परीक्षण किया, जिसमें इस रहस्यमय ममी के बारे में और भी कई खुलासे हुए। परीक्षण में पता चला है कि मौत के समय इसकी उम्र 2-3 साल की रही होगी। यह स्पष्ट नहीं है कि भालू की मौत कैसे हुई लेकिन उसकी ममी दिखाती है कि इसकी रीढ़ की हड्डियों पर चोट लगी हैं, जो संभवतः उसकी मौत का कारण बना होगा।यूनिवर्सिटी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, भूरे भालू के जीवाश्म पर नॉर्थ-ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं और अन्य रूसी शोधकर्ताओं ने शोध किया।