ताइपे
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन, ताइवान-अमेरिका के बीच टकराव से वैश्विक अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंच सकती है। फिलहाल, चीन और ताइवान के बीच सैन्य स्तर पर प्रतिक्रियाएं जारी हैं। ड्रैगन ने द्वीप के आसपास सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। वहीं अब ताइवान ने भी मिलिट्री ड्रिल्स के जरिए प्रतिक्रया दी है।
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के नतीजे
नैंसी की यात्रा से गुस्साए चीन ने सैन्य अभ्यास के दौरान समुद्र में मिसाइलें दागीं और ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की है। वहीं, ताइवान ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही। नाराज चीन ने पहले ही ताइवान से आने वाले फल, मछलियां और दूसरे खाद्य के आयात पर बैन लगा दिया था। इसके बाद आयात किए जाने वाले 100 से अधिक फूड प्रोडक्ट पर रोक लगा दी। ताइवान ने इसका बदला लिया। उसने बड़े स्तर पर चीन से आयात होने वाले कंस्ट्रक्शन से जुड़े मैटेरियल के आयात पर पाबंदी लगा दी है।
भारत उठा सकता है लाभ
भारत ने चीन और अमेरिका के बीच संबंधों पर फिलहाल कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, भारत इस स्थिती का लाभ उठाते हुए बीजिंग को पीछे छोड़ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी जगह बना सकता है। ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश आपूर्ति श्रृंखलाओं को चीन से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं और भारत से संबंध स्थापित कर रहे हैं। भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए त्रिपक्षीय सप्लाई चेन रेजिलिएशन इनिशिएटिव के शुभारंभ के लिए विचार-विमर्श शुरू किया था। लद्दाख में चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने इस प्रस्ताव को काफी गंभीरता से लिया है।