वाशिंगटन
दुनियाभर के कई देशों में ओमिक्रॉन विकराल रूप ले रहा है। ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में ओमिक्रॉन का कहर शुरू हो चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हालांकि डेल्टा वैरिएंट ने अमेरिका में तबाही मचाई थी लेकिन ओमिक्रॉन भी इसी रास्ते में है, ये वैरिएंट भी कई दिग्गज देशों में कोहराम मचाने के लिए तैयार हो रहा है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ओमिक्रॉन की सबसे ज्यादा चिंताजनक बात उसका तेजी से प्रसार होना है। इस वैरिएंट की संक्रमण फैलने की रफ्तार अन्य वैरिएंट से कई गुना ज्यादा है। यही इकलौता कारण इसे ज्यादा खतरनाक बनाता है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका में, जो पहले से ही कोविड -19 की दूसरी लहर से तबाह हो गया था। अमेरिका में दूसरी लहर के दौरान एक दिन में सर्वाधिक 2 लाख मौत का भी रिकॉर्ड दर्ज है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक टैली के अनुसार, पिछले महीने अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मामलों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ये चेतावनी तक दे दी है कि अमेरिका में लोग "कोविड -19 की अगली लहर के लिए बतख बैठे हैं"।
बूस्टर शॉट क्यों है जरूरी
ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए बूस्टर शॉट्स की वकालत करते हुए एक कार्डियोलॉजिस्ट और स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. एरिक टोपोल ने सीएनबीसी को बताया कि अमेरिकी कोरोनोवायरस के तेजी से फैलने वाले संस्करण के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते सीएनबीसी को बताया, "हम अमेरिकी जनता को इस खतरे से बाहर निकलने के लिए अभी जरूरत से थोड़ा पीछे हैं," उन्होंने कहा कि पूरी तरह से टीकाकरण का मतलब दो नहीं तीन डोज होनी चाहिए।
उनकी टिप्पणी का अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौसी ने भी समर्थन किया। बात करते हुए फौसी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि बूस्टर शॉट टीकाकरण की दोनों की डोज के बाद भी जरूरी है। इस दौरान फौसी ने लोगों से बूस्टर शॉट लेने और जिन लोगों ने अभी तक कोरोना टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है, उनसे संपूर्ण टीकाकरण कराने का अनुरोध किया। शनिवार को, अकेले न्यूयार्क में 22,000 कोरोना संक्रमित केस दर्ज हुए। जबकि जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ट्रैकर के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले मंगलवार तक 8 लाख कोविड -19 मौतों को पार कर लिया।