इस्लामाबाद
यूक्रेन-रूस संघर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ने से पाकिस्तान पेट्रोलियम उत्पादों की कमी से जूझ रहा है और उसके पास डीजल का केवल पांच दिनों का भंडार बचा है। एक मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह बात कही गई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी बैंकों ने भी तेल कंपनियों को उच्च जोखिम वाली श्रेणियों में रखा है और ऋण देने से इनकार कर दिया। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा है कि पश्चिमी देशों के अभूतपूर्व प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर काफी गंभीर प्रभाव होगा और मॉस्को को ''गहरी मंदी'' का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रामकता के कारण अमेरिका और यूरोप सहित कई देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक जॉर्जिवा ने यह भी कहा कि रूस द्वारा ''सॉवरेन डिफॉल्ट'' अब एक असंभव घटना नहीं है, क्योंकि रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों से विदेशी मुद्रा भंडार तक उसकी पहुंच कम होगी और उसे बकाया ऋण का भुगतान करने में परेशानी होगी। रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव ने रविवार को कहा था कि प्रतिबंधों के कारण बैंक ऑफ रूस का आधा सोना और विदेशी मुद्रा भंडार 'फ्रीज' हो गया है। आईएमएफ प्रमुख ने वाशिंगटन में रविवार को सीबीएस न्यूज को बताया कि प्रतिबंध ''अभूतपूर्व'' हैं, क्योंकि यूक्रेन में एक विनाशकारी युद्ध अकल्पनीय था।
जॉर्जिवा ने कहा कि प्रतिबंधों का प्रभाव ''रूसी अर्थव्यवस्था के लिए काफी गंभीर है। हमारा अनुमान है कि रूस में एक गहरी मंदी होगी।'' सीबीएस न्यूज के मुताबिक जॉर्जिवा ने कहा, ''रूबल में काफी गिरावट हुई है। इसका क्या मतलब है? वास्तविक आय कम हो गई है। रूसी आबादी की क्रय शक्ति काफी कम हो गई है।''