इस्लामाबाद।
पाकिस्तान का बिजली क्षेत्र दिवालिया हो गया है। इसके बावजूद देश अपने संसाधनों का इस्तेमाल गुप्त रूप से आतंकवादी गतिविधियों की मदद के लिए कर रहा है। इतना ही नहीं बिजली परियोजनाओं में चीन के बकाये का भुगतान करने में भी फेल रहा है। आपको बता दें कि चीन ने बकाए के भुगतान के लिए तत्काल पैसा जारी करने के लिए कहा है। इस्लामाबाद स्थित स्तंभकार डॉ फारुख सलीम ने हाल ही में टिप्पणी की कि पाकिस्तान का बिजली क्षेत्र दिवालिया है। असली अपराधी सरकार का घोर कुप्रबंधन है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने भी बिजली क्षेत्र का घोर कुप्रबंधन किया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले सात महीनों (जुलाई-जनवरी) के दौरान पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र में सर्कुलर ऋण पीकेआर 2.358 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया था। अगस्त 2018 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के सत्ता में आने पर 1.1 अरब रुपये की तुलना में ऋण में वृद्धि 114 प्रतिशत से अधिक रही है। मौजूदा दर से यह 2025 तक 4 ट्रिलियन होने का अनुमान है।
मटियारी-लाहौर हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट ट्रांसमिशन लाइन (एमएलएचवीटीएल) के चीनी भागीदारों ने सितंबर 2021 से फरवरी 2022 की अवधि के लिए पाकिस्तान से तत्काल 12.35 अरब रुपये जारी करने की मांग की है। आपको बता दें कि उनका बकाया कुल 21.1 अरब रुपये है।