PM जॉनसन ने दिया इस्तीफा, मंत्रियों की बगावत के चलते गई कुर्सी

लंदन
 यूके (United kingdom) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) अपने मंत्रिमंडल के 50 से अधिक मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद पैदा हुए दबाव के आगे झुक गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। नए प्रधानमंत्री के चुने जाने तक वह कार्यभाल संभालेंगे।

इस्तीफा देने के बाद जॉनसन ने कहा कि संसदीय कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि पार्टी का नया नेता और नया प्रधानमंत्री होना चाहिए। नए प्रधानमंत्री के चुनाव तक वह पीएम पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह दुनिया में सबसे अच्छी नौकरी छोड़ने के लिए दुखी हैं।

जॉनसन ने कहा कि मुझे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है। मैं एक नए नेता के आने तक पीएम के रूप में काम करूंगा। अगले सप्ताह नए पीएम चुनने की टाइमटेबल की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्णय लेने के लिए इतने लंबे समय तक इंतजार किया क्योंकि वह व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं के जनादेश को पूरा करने के लिए उत्सुक थे। उन्होंने महसूस किया कि उन्होंने जो वादा किया था उसे पूरा करना उनका कर्तव्य और दायित्व था।

मिशेल डोनेलन ने  पद संभालने के 36 घंटे बाद दे दिया था इस्तीफा
जॉनसन के नवनियुक्त शिक्षा सचिव मिशेल डोनेलन ने पद संभालने के 36 घंटे बाद ही इस्तीफा दे दिया था। वहीं, चांसलर नादिम जहावी ने कहा था कि प्रधानमंत्री को अब पद छोड़ देना चाहिए। रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा था कि उन्होंने पीएम से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इससे पहले उत्तरी आयरलैंड के सचिव ब्रैंडन लुईस ने इस्तीफा दे दिया था। बोरिस जॉनसन के इस्तीफे पर लेबर लीडर सर कीर स्टारमेर ने कहा कि यह देश के लिए अच्छी खबर है कि मिस्टर जॉनसन आगे बढ़े हैं। यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था।

दरअसल, सरकार के सभी स्तरों से 50 से अधिक इस्तीफे के बाद जॉनसन पर पद छोड़ने का भारी दबाव था। क्रिस पिंचर के खिलाफ लगे आरोपों की जानकारी जॉनसन को थी इसके बारे में खुलासा होने के बाद मंगलवार को मंत्रिमंडल के सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया था।  

सांसद क्रिस पिंचर के चलते भड़का विद्रोह
यूके की सत्ताधारी पार्टी कंजर्वेटिव में बोरिस जॉनसन के खिलाफ असंतोष काफी समय से पनप रहा था। जून में 50 से अधिक सांसदों ने बोरिस के इस्तीफे की मांग की थी। सांसद क्रिस पिंजर के चलते पार्टी में विद्रोह भड़क गया है। क्रिस पर 2019 में नशे में लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने और यौन दुराचार के आरोप लगे थे। आरोप लगने के बाद पिंजर को प्रमोशन दिया गया। उसे डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया गया। इसके चलते बोरिस पर सवाल उठे। बोरिस ने कहा था कि उन्हें क्रिस पिंजर पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं थी। हालांकि बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि वह इसके बारे में जानते थे।

वो सेक्स स्कैंडल जिससे शुरू हुआ विवाद

30 जून को ब्रिटेन के न्यूजपेपर 'द सन' ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने लंदन के एक प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पिंचर को पार्टी के डिप्टी चीफ़ व्हिप पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद कुछ ऐसी खबरें भी सामने आई जिसमें पिंचर पर कथित तौर पर यौन दुर्व्यवहार के भी कम से कम 6 मामले रिपोर्ट किये गए। इसके बाद पार्टी से भी पिंचर को सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि, पिंचर ने माफी मांगी और जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही।

बोरिस जॉनसन की भूमिका पर सवाल

सेक्स स्कैंडल मामले में बोरिस जॉनसन की अप्रत्यक्ष भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। उनपर आरोप लगे थे कि उन्हें पिंचर के ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पिंचर को रोकना उचित नहीं समझा। बोरिस जॉनसन ने मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि उनके पास शिकायत आई थी, लेकिन उनसे गलती हो गई कि उस समय कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी, लेकिन ये बवाल और बढ़ता चला गया। केवल 2-4 दिनों के अंदर ही उनके मंत्रियों ने इसके विरोध में इस्तीफा देना शुरू कर दिया।

अंततः दिया इस्तीफा

ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने जब अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा था, 'ब्रिटेन की जनता उम्मीद करती है कि सरकार सही, योग्य और गंभीर तरीक़े से काम करे।' वहीं, स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने इस्तीफा देते समय सरकार पर सही ढंग से काम न करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद पार्टी के कई मंत्री जॉनसन का साथ छोड़ते चले गए। अब बोरिस जॉनसन को दबाव के कारण अपना पद छोड़ना पड़ा है। आज वो मीडिया से इस संबंध में बातचीत भी कर सकते हैं।