लंदन
भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक पीएम पद के दावेदार के तौर पर कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे चल रहे हैं. ब्रिटेन में पीएम पद की रेस में ऋषि सुनक ने शानदार बढ़त बनाई है. लेकिन उनके सामने ब्रिटिश सांसदों का समर्थन जुटाने की चुनौती है. ऋषि सुनक के सामने सबसे बड़ी चुनौती कंजरवेटिव पार्टी में अपना नेतृत्व स्थापित करने की है. उनकी टक्कर एक और भारतीय राजनेता सुएला ब्रेवरमैन से है.
कंजरवेटिव पार्टी में नेता चुनने की क्या है प्रक्रिया
कंजरवेटिव पार्टी में नेता चुनने की प्रक्रिया में एक कमेटी शामिल होती है. ये पार्टी के सांसद होते हैं. नेता चुनने के लिए तीन स्तर की प्रक्रिया होती है. इसमें नॉमिनेशन, एलिमिनेशन और फाइनल सेलेक्शन है. नॉमिनेशन हो चुका है अब एलिमिनेशन राउंड चल रहा है. ऋषि सुनक फिलहाल इस रेस में आगे चल रहे हैं.
8 में से दो उम्मीदवार हुए बाहर
ब्रिटेन का पीएम बनने की रेस में कुल 8 नाम शामिल थे. इनमें से दो अब बाहर हो गये हैं. ये दो नाम चांसलर नधीम जहावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री जर्मी हंट का है. अब इस रेस में सुएला ब्रेवरमैन, ऋषि सुनक, लिज ट्रास, ,पेन्नी मॉर्डान्ट, केमी बेडेनोक और टॉम टुजैन्ट बचे हैं.
ऋषि सुनक टॉप पर
बुधवार को एलिमिनिशेन राउंड की वोटिंग में ऋषि सुनक को 25 फीसदी यानी कि 88 वोट मिले हैं और वे टॉप पर हैं. दूसरे नंबर पर पेन्नी मॉर्डान्ट हैं जिन्हें 19 फीसदी यानी कि 67 वोट मिला है. लिज ट्रॉस को 14 फीसदी मतलब 50 वोट मिले हैं. केमी बेडेनोक को 11 फीसदी यानी कि 40 वोट मिले हैं, टॉम टुजैन्ट 37 वोट लेकर 5वें नंबर पर हैं. जबकि भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन 9 फीसदी वोट लेकर छठे नंबर पर हैं. उन्हें 32 वोट मिले हैं. एलिमिनेशन राउंड में दो उम्मीदवार नधीम जहावी और जर्मी हंट क्रमश: 7 और 5 फीसदी वोट लाकर बाहर हो गए हैं.
कौन हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति के दामाद हैं. 42 साल के सुनक को फरवरी 2020 में बोरिस जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया था. इसके बाद वह खासे चर्चा में आ गये थे. इससे पहले इस साल जनवरी में ब्रिटेन के एक प्रमुख सट्टेबाज ने भी ये भविष्यवाणी की थी कि बोरिस जॉनसन जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह ऋषि सुनक नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
कैसा गुजरा ऋषि सुनक का बचपन
12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ. उनके पिता डॉक्टर जबकि मां दवाखाना चलाती थीं. ऋषि तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं. ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के थे. उनके पिता यशवीर का जन्म और लालन पोषण केन्या में हुआ था जबकि उनकी मां उषा का जन्म तंजानिया में हुआ था. ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था. वे बाद में 1960 के दशक में अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन में आकर बस गए थे.
पढ़ाई और करियर
ब्रिटेन में जन्मे ऋषि ने विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे, जहां से उन्होंने एमबीए किया था. ऋषि सुनक ने ग्रैजुएशन के बाद गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया था और बाद में हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए थे. राजनीति में प्रवेश करने से उन्होंने एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी. यह कंपनी ब्रिटेन के छोटे कारोबारों में निवेश में मददगार थी.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए के दौरान ही उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली. उनकी दो बेटी कृष्णा और अनुष्का हैं.
राजनीति का सफर कैसे शरू हुआ
यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे. उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया. ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया. उन्हें हमेशा से कंजरवेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया. पार्टी के कई बड़े नेता गाहे-बगाहे उनकी प्रशंसा भी करते रहे हैं.
ऋषि सुनक फिटनेस को लेकर जुनूनी हैं. उन्हें क्रिकेट, फुटबॉल के अलावा फिल्में देखने का भी शौक हैं. उनके आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर उन्हें डिशी ऋषि के निक नेम से भी बुलाया जाता है.