बर्लिन
यूरोप को गैस की सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी कंपनी Gazprom ने 27 जुलाई से यूरोप को होने वाली गैस की सप्लाई में कटौती करने का एलान किया है। कंपनी का कहना है कि उसके करीब 9 टरबाइन की मरम्मत होनी है, जो कि प्रतिबंधों की वजह से नहीं हो पा रही है। कंपनी ने अपने एक टरबाइन को फिलहाल बंद कर दिया है। इसको देखते हुए यूरोपीय संघ ने रूस की गैस की खपत को 15 फीसद तक कम करने का मन बनाया है। ऐसा इसलिए किया गया है जिससे रूस से आने वाली गैस की बचत कर इसका इस्तेमाल सर्दियों में किया जा सके।
इस बीच चेकोस्लावाकिया के उद्योग और व्यापार मंत्री जोजेफ सिकेला का कहना है कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों को रूस की तरफ से आने वाली गैस की खपत को कम करने के लिए राजी होना होगा। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति अपना गंदा खेल खेल रहे हैं जिससे यूरोप को गैस के नाम पर ब्लैकमेल किया जा सके। आपको बता दें कि यूरोप को अपने घरों और दफ्तरों को गर्म रखने के लिए रूस की गैस की जरूरत होती है। यूरोप में सर्दियां आने वाली हैं। सर्दियों में इसकी खपत कहीं अधिक होती है। लेकिन गैस सप्लाई कंपनी गजप्रोम ने साफ कर दिया है कि यदि वो अपने सभी 9 टरबाइन की मरम्मत करवाती है, जो कि जरूरी है तो इसमें करीब 27 महीने लगेंगे। Gazprom ने ये भी साफ किया है कि वो यूरोप को 27 जुलाई से 33 मिलियन क्यूबिक से अधिक की गैस सप्लाई नहीं करेगी।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी यूरोप को आने वाली गैस की नार्ड पाइपलाइन 1 के वाल्व में दिक्कत आ गई थी, जिसके चलते करीब दो सप्ताह तक गैस की सप्लाई बाधित रही थी। यूरोप को तभी से लग रहा था कि रूस की तरफ से सर्दियों में गैस की सप्लाई में दिक्कत की जा सकती है। जर्मनी के चांसलर की तरफ से भी इसी तरह की आशंका जताई गई थी। उन्होंने कहा है कि वो रूस के रुख से संतुष्ट नहीं हैं। पिछले दिनों यूरोप में हुई गैस की दिक्कत के बाद यूरोपीय आयोग की तरफ से सभी देशों से कहा गया था कि वो सभी आफिसों की इमारतों को अधिक गर्म न कर एक तय तापमान में ही गर्म रखें। इससे गैस की खपत में कमी की जा सकेगी।