मॉस्को । अमेरिका से लेकर कई पश्चिमी रिपोर्ट लगातार दावा कर रही हैं कि रूस यूक्रेन पर हमला करने वाला है। खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने सोमवार रात को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि 16 फरवरी को 'हमले का दिन होगा'। इस बीच जो खबर आ रही है उससे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देशों के बीच जंग का खतरा अब काफी हद तक टल गया है। खुद रूस के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने मंगलवार को कहा कि रूस की दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य इकाइयों ने अभ्यास के बाद अपने सैनिकों को स्थायी तैनाती वाली जगहों पर वापस भेजना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अन्य हिस्सों में जारी अभ्यास जारी रहेगा जिसमें नौसेनाएं भी शामिल हैं। कोनाशेनकोव ने रिपोर्ट्स से कहा, 'दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य क्षेत्रों की इकाइयां अपने टास्क को पूरा करने के बाद अपने बैरक में वापस आ रही हैं।'
मंत्रालय के वीडियो में लौटते दिखे टैंक
मंत्रालय ने एक वीडियो भी जारी किया है कि जिसमें सैन्य वाहनों को अपने बेस में वापस लौटते हुए देखा जा सकता है, इसमें टैंक, AMPVs, ऑटो-मैटिक तोपें शामिल हैं। मंत्रालय ने एक क्लिप शेयर की है जिसमें T-72Bz टैकों को ड्रिल साइट से वापस लौटते हुए देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि रूस के टैंकों के वापस लौटने से संभावित जंग का खतरा टल सकता है। इससे पहले रिपोर्ट्स में कहा गया था कि रूस के 1,30,000 सैनिक यूक्रेन की सीमाओं पर मौजूद हैं।
बेलारूस में क्या कर रहे हैं रूस के सैनिक
रूस ने अपने सैनिकों को बेलारूस भी भेजा था। उसका कहना था कि वह बेलारूस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहा है जिसका शुरुआत 10 फरवरी को हुई थी और यह 10 दिनों तक चलेगा। लेकिन विशेषज्ञों का मानना था कि रूस ने उत्तरी सीमा से हमला करने के लिए अपनी सैन्य मौजूदगी को मजबूत करने के उद्देश्य से बेलारूस में अपनी सेना भेजी है। इससे पहले आई सैटेलाइट तस्वीरों में रूस के विशालकाय सैन्य जमावड़े को देखा गया था।
सैटेलाइट तस्वीरों में हुआ खुलासा
Maxar की हाई-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें बीते 48 घंटों में ली गई थीं। इसमें बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिमी रूस में बड़े पैमाने पर सैन्य जमावड़े को देखा जा सकता है। खबरों में दावा किया गया था कि कई बड़ी सैन्य टुकड़ियां और हेलिकॉप्टर सीमा के निकट इकट्ठा हो रहे हैं। तस्वीरों में अग्रिम मोर्चों पर तैनात लड़ाकू विमानों और फाइटर-बॉम्बर्स को देखा जा सकता है। कई थल सैन्य इकाइयां अपनी चौकियों को छोड़कर लड़ाकू इकाइयों के साथ काफिले में शामिल हो चुकी हैं।