वॉशिंगटन
यूक्रेन-रूस के बीच लगातार बढ़ते विवाद के बीच युनाइटेड नेसंश सिक्योरिटी काउंसिल ने आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में यूक्रेन संकट पर चर्चा होगी। यह बैठक ओपन मीटिंग होगी, जिसमे भारत भी अपना बयान देगा। गौर करने वाली बात है कि अमेरिका के सहयोगी देशों ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल से अपील की थी कि यूक्रेन संकट पर बैठक बुलाई जाए। इस पूरे मामले पर अमेरिका अपनी नजर बनाए हुए है।दरअसल जिस तरह से रूस ने डॉनेस्क और लुहांस को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता दी है उसके बाद अमेरिका ने यूएन से आपात बैठक बुलाने की अपील की थी। जिसके बाद यूएन ने आज यह आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में कई देश हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन अहम बात यह है कि रूस के साथ ही चार देशों के पास किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ वीटो के इस्तेमाल का अधिकार है, ऐसे में यह बिल्कुल भी साफ नहीं है कि इस बैठक के जरिए यूएन क्या हासिल कर पाएगा।
जिस तरह से रूस ने विद्रोही संगठनों को मान्यता दी है उसके बाद माना जा रहा है कि रूस ने एक तरह से यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। लेकिन कुछ एक्सपर्ट इसे पूर्ण रूप से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की शुरुआत नहीं मान रहे हैं। हालांकि उनका यह जरूर मानना है कि इस कदम से रूस ने यूक्रेन के साथ तनाव बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कुछ को इस बात का भी संदेह है कि पिछले आठ साल से ही रूस इन दोनों ही क्षेत्रों को पूरी तरह से नियंत्रित करता आ रहा है, वह यहां अलगाववादियों को पूरी तरह से समर्थन दे रहा था।
जिस तरह से रूस ने विद्रोही संगठनों को मान्यता दी है उसके बाद माना जा रहा है कि रूस ने एक तरह से यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। लेकिन कुछ एक्सपर्ट इसे पूर्ण रूप से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की शुरुआत नहीं मान रहे हैं। हालांकि उनका यह जरूर मानना है कि इस कदम से रूस ने यूक्रेन के साथ तनाव बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कुछ को इस बात का भी संदेह है कि पिछले आठ साल से ही रूस इन दोनों ही क्षेत्रों को पूरी तरह से नियंत्रित करता आ रहा है, वह यहां अलगाववादियों को पूरी तरह से समर्थन दे रहा था।