जिनेवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दुनिया में मौजूद कोरोना टीकों को ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ लगातार सुरक्षा देने के लिए और प्रभावी बनाने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह और 18 विशेषज्ञों के एक समूह ने कोरोना वैक्सीन के कंपोजिशन पर मंगलवार को कहा कि हालांकि वर्तमान टीके गंभीर बीमारी और वेरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) के कारण होने वाली मौतों के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। हमें भविष्य में लेकिन ऐसे टीके विकसित करने की जरूरत है, जो संक्रमण को रोक सकें।
संस्था ने कहा कि इस बीच, कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के टीकों को और प्रभावी बनाने की जरूरत है, जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सके। डब्ल्यूएचओ ने कहा, इस तरह के कंपोजिशन की जरूरत है, जो आनुवंशिक और प्रतिजन रूप से तेजी से फैलते वेरिएंट के करीब हो, जो कि लगातार बूस्टर खुराक की आवश्यकता को कम करें और व्यापक, मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली प्रतिक्रियाएं दें।
ओमीक्रोन, उसके डेल्टा वेरिएंट से तेजी से आगे निकाल रहा
विशेषज्ञों ने कोरोना वैक्सीन निर्माताओं को वर्तमान और ओमीक्रोन -विशिष्ट टीकों के प्रदर्शन पर डेटा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया है, ताकि यह तय करने में मदद मिल सके कि वैक्सीन कंपोजिशन में बदलाव की आवश्यकता कब हो सकती है। वर्तमान ओमीक्रोन वेरिएंट के संबंध में, विशेषज्ञों ने वर्तमान कोरोना टीकों के लिए व्यापक वैश्विक पहुंच के महत्व पर जोर दिया।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप, उसके डेल्टा वेरिएंट से तेजी से आगे निकाल रहा है और पूरी दुनिया में इस स्वरूप से संक्रमण के मामले अब ज्यादा सामने आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में आगाह किया है। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारी ने चेताया है कि इस बात के 'साक्ष्य बढ़ रहे हैं' कि ओमीक्रोन प्रतिरक्षा शक्ति से बच निकल सकता है लेकिन अन्य स्वरूपों की तुलना में इससे बीमारी की गंभीरता कम है।
ओमीक्रोन के चलते लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ रही
डब्ल्यूएचओ में संक्रामक रोग महामारी विज्ञानी एवं ‘कोविड-19 टेक्निकल लीड’ मारिया वान केरखोव ने मंगलवार को कहा कि कुछ देशों में ओमीक्रोन को डेल्टा पर हावी होने में समय लग सकता है क्योंकि यह उन देशों में डेल्टा स्वरूप के प्रसार के स्तर पर निर्भर करेगा। केरखोव ने ऑनलाइन प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा, 'ओमीक्रोन उन सभी देशों में मिला है जहां जीनोम अनुक्रमण की तकनीक अच्छी है और संभवत: यह दुनिया के सभी देशों में मौजूद है। यह फैलने के लिहाज से, बहुत तेजी से डेल्टा से आगे निकल रहा है। और इसलिए ओमीक्रोन हावी होने वाला स्वरूप बन रहा है जिसके मामले सामने आ रहे हैं।'
उन्होंने इस बारे में भी आगाह किया कि डेल्टा स्वरूप की तुलना में भले ही ओमीक्रोन से बीमारी के कम गंभीर होने को लेकर कुछ जानकारियां हैं, लेकिन ‘यह हल्की बीमारी नहीं है' क्योंकि 'ओमीक्रोन के चलते भी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ ही रही है।' डब्ल्यूएचओ की तरफ से जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, तीन से नौ जनवरी वाले सप्ताह में विश्व भर में कोविड के 1.5 करोड़ नये मामले सामने आए जो उससे पहले के सप्ताह की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक हैं जब करीब 95 लाख मामले आए थे। पिछले सप्ताह करीब 43,000 मरीजों की मौत के मामले सामने आए थे। नौ जनवरी तक, कोविड-19 के 30.40 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके थे और 54 लाख से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी थी।