नई दिल्ली| चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग सऊदी अरब के दौरे पर हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उइगर समूहों ने मुस्लिम बहुसंख्यक देशों से शिंजियांग क्षेत्र में किए जा रहे नरसंहार की निंदा करने को कहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 50 से अधिक उइगर समूहों ने देशों के प्रमुखों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं से चीनी राष्ट्रपति से मिलने का आग्रह किया है। समूहों ने चीन के द्वारा सुदूर पश्चिमी शिंजियांग क्षेत्र में उइगरों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचार की निंदा की है और नरसंहार को समाप्त करने की अपील की है।
चीनी राष्ट्रपति ने अपनी सऊदी अरब की यात्रा के दौरान किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हर दो साल में बारी-बारी से दो राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक आयोजित करने पर भी सहमति बनी है। आरएफई की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी और सऊदी कंपनियों ने 30 से अधिक निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहले चीन अरब राज्यों के शिखर सम्मेलन समेत अरब देशों और खाड़ी देशों के साथ शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। शी जिनपिंग ने आखिरी बार साल 2016 में मध्य पूर्वी देश का दौरा किया था।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न अवसरों पर उइगर संगठनों ने उइगर नरसंहार पर मुस्लिम-बहुसंख्यक देशों की चुप्पी पर अपनी निराशा व्यक्त की है, जिसमें लाखों उइगरों को शिविरों में मनमाने तरीके से हिरासत में रखा गया है, जहां उन्हें अपने धार्मिक विश्वासों और प्रथाओं को त्यागने के लिए मजबूर किया जाता है।
बयान में कहा गया है कि अधिकारियों ने शिंजियांग में हजारों मस्जिदों और कब्रिस्तानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। यहां तक की बच्चों के इस्लामिक नाम रखने, रमजान रखने के अलावा अन्य धार्मिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबरन सूअर का मांस खाने और शराब पीने का कहा जाता है।
अक्टूबर में कई मुस्लिम-बहुल देशों ने संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव के खिलाफ मतदान नहीं किया था जिसमें शिनजियांग में अधिकारों के उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र के पूर्व मानवाधिकार प्रमुख की एक रिपोर्ट पर मानवाधिकार परिषद में बहस को बढ़ाने की मांग की गई थी।