माधौपुर में 17 पशुओं की मृत्यु अफ्लाटोक्सिन के कारण होना बताया

मुरैना
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ. आरके त्यागी ने बताया है कि अनुविभागीय दण्डाधिकारी सबलगढ़ से 31 दिसम्बर 2021 को सूचना मिलने पर ग्राम माधौपुर में चलित पशु चिकित्सा इकाई दल को ग्राम माधौपुर पशु बीमारी की जांच कराने के लिये भेजा गया था, जिसमें ग्रामीणों के अनुसार 17 पशुओं की मृत्यु होना बताया गया। पशु चिकित्सक दल द्वारा मृतक भैंसो का पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें भौंसो की मृत्यु का कारण अफ्लाटोक्सिन के कारण बीमारी से मृत्यु होना बताया गया। उपसंचालक डॉ. त्यागी ने बताया कि यह बीमारी बाजरा की कड़वी (गीला होने से फफूदी लगने के कारण) खिलाने से हुई थी। वहीं उपसंचालक डॉ. त्यागी ने हुसैनपुर में 7 पशुओं की मृत्यु फफूदी लगी।  
    
माधौपुर में जांच दल द्वारा पूरे ग्राम में भ्रमण कर 37 पशुओं का उपचार किया गया है एवं ब्लड सैम्पल जांच के लिये एकत्रित किये गये है। पूरे ग्राम में समस्त पशुओं का टीकाकरण करवा दिया है। ग्रामीणों को बाजरा की कड़वी की जगह गेहूं का भूसा खिलाने की सलाह दी गई है। वर्तमान में इस गांव में किसी भी पशु की मृत्यु होना नहीं बताया है। जिन पशुपालकों के पशुओं की मृत्यु हुई है, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) का लाभ दिया जा रहा है। पशु चिकित्सक दल ने पशुपालकों को भविष्य में स्वस्थ्य पशुओं का पशु बीमा करवाने की सलाह भी दी है। चिकित्सक दल में डॉ. दीपक तिवारी, डॉ. प्रमोद शर्मा, डॉ. भरत शर्मा, डॉ. पंकज दौशिक एवं डॉ. बीएल शर्मा उपस्थित रहे।
    
30 दिसम्बर 2021 को नई दुनिया में प्रकाशित खबर के परिप्रेक्ष्य में पशु उपसंचालक डॉ. आरके त्यागी ने बताया कि जांच दल द्वारा 31 दिसम्बर को ही खबर के आधार पर जांच दल को दोंनो ग्राम मालीबाजना और माधौपुर में टीम ने उपचार एवं पीएम किया। जिन पशुपालकों के दुधारू पशुओं की मृत्यु हुई है, उनको कलेक्टर के निर्देशानुसार केसीसी (पशुपालन) के लिये आवेदन भरवाकर बैंको को भिजवाये जा रहे है।
    
एक अन्य दैनिक समाचार पत्र में 30 दिसम्बर को प्रकाशित खबर के परिप्रेक्ष्य में डॉ. त्यागी ने बताया कि 27 दिसम्बर को पशु चिकित्सकों का जांच दल ग्राम उमराव का पुरा, खेड़ा हुसैनपुर भेजा गया था, जिसमें 7 पशुओं की मृत्यु ग्रामीणों द्वारा बतायी गई थी। दो भैंसो का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों के दल द्वारा किया गया। जिसमें फफूंदी लगी हुई बाजरा की कड़वी खिलाने से प्रथम दृष्या मृत्यु होना पाया गया। सभी पशु पालकों को बाजरा की कड़वी न खिलाने की सलाह दी गई। 6 बीमार पशुओं का उपचार किया गया। दोंनो ग्रामों में सभी पशुओं का टीकाकरण करवाया गया। वर्तमान में किसी भी पशु की मृत्यु नहीं हो रही है। सभी पशु स्वस्थ्य है।
    
डॉ. केपी गुप्ता को ग्राम मालीबाजना, माधौपुर एवं पिपरूआ में प्रतिदिन पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश उपसंचालक द्वारा दिये गये है। स्थानीय सहायक पशु चिकित्सा श्री जीसी धाकड़ की ड्यूटी 7 दिवस के लिये इन ग्रामों में लगाई गई है। कलेक्टर के निर्देश पर इन गांवों में एफएमडी (खुरपका एवं मुंहपका) की वैक्सीन क्रय कर लगवाने के निर्देश दिये गये है। तीन दिवस में वैक्सीन क्रय कर समस्त प्रभावित ग्रामों में लगवायी जायेगी। जिन पशुपालकों के पशु मृत हुये है, उनको केसीसी ऋण आवेदन भरवाकर बैंको में प्रेषित किये जा रहे है।  
    
21 दिसम्बर को दैनिक सत्तासुधार में प्रकाशित खबर में पहाडगढ़ के हुसैनपुर में पशु बीमारी फैलने की सूचना पर विकासखण्ड पशु चिकित्सक दल डॉ. सियाराम जाटव एवं डॉ. दीपक तिवारी को तत्काल ग्राम खेड़ा हुसैनपुर जाकर जांच करने के निर्देश उपसंचालक द्वारा दिये गये थे। दोंनो पशु चिकित्सकों द्वारा ग्राम में जाकर बीमार पशुओं का उपचार किया गया एवं पूरे ग्राम में पशुओं का टीकाकरण करवा दिया गया था। उपसंचालक द्वारा डॉ. सियाराम जाटव को मुख्यालय पर रहने के निर्देश देते हुये पहाडगढ़ के समस्त ग्रामों में पशु बीमारी के सतत निगरानी करने के निर्देश दिये गये है।