
भोपाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने अफसरों पर सदन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में धान की मिलिंग नहीं हो रही है, शराब माफियाओं को धान दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शून्यकाल के दौरान प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का मामला भी उठा।
प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा और हीरा अलावा ने आरोप लगाया कि विधानसभा में अफसर गलत जानकारी दे रहे हैं। दोनों ने अपने-अपने अलग-अलग सवालों पर यह आरोप लगाए हैं। सज्जन सिंह वर्मा ने धान को लेकर आरोप लगाया कि अफसरों की मिलीभगत से यह शराब माफियाओं को दिया जा रहा है।
सज्जन सिंह वर्मा ने पिछले तीन सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान के उपार्जन को लेकर सवाल उठया। उन्होंने आरोप लगाया कि गलत आंकड़े दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 546 मीट्रिक टन धान 1 करोड़ रुपए में बिक गया, जो गलत है। पूरा धान शराब माफियाओं को दिया जा रहा है। शराब माफिया और अफसर मिलकर सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। धान की मिलिंग की भी व्यवस्था नहीं है। इस पर मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि विधायक के आरोप गलत हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक हीरा अलावा ने भी गलत जानकारी दिए जाने का आरोप लगाया। जिस पर अध्यक्ष ने उन्हें सलाह दी कि यदि उन्हें लगता है कि उत्तर गलत दिया गया तो वे इसके लिए आवेदन दें। दरअसल अलावा ने पूछा था कि वेरी डेंस फॉरेस्ट, मांडरेटली डैंस फॉरेस्ट और ओपन फॉरेस्ट कितना बड़ा, वहीं उन्हें कैम्पा की राशि को लेकर भी सवाल करते हुए गलत जानकारी दिए जाने का आरोप लगाया।
पुश्तैनी जमीन पर लोगों को बना दिया किरायेदार
बैतूल जिले के मुलताई के कुछ गांवों को शहर में मर्ज करने का मामला आज सदन में जमकर गर्माया। प्रश्न काल में कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे ने यह मामला उठाया। जिस पर लंबी चर्चा के बाद अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री को व्यवस्था देकर कहा कि सर्वे कराया जाए और उसमें पात्र लोगों को भू अधिकार दिए जाएं। पांसे ने सदन में कहा कि मुलताई नगर के खसरा नंबर 234 की 2.71 एकड़, खसरा नंबर 235 की 0.10 एकड़, खसरा नगर 236 की 0.13 एकड़, खसरा नंबर 280 की 53.67 एकड़ और खसरा नंबर 273 की 0.16 एकड़ भूमि मिसल बंदोबस्त के अनुसार प्रचलित आबादी की भूमि है।
अब इस भूमि को नगर में शामिल कर दिया गया है और इस पर निवास करने वाले लोगों को उनकी ही जमीन के पट्टे देकर किरायेदार बना दिया। उनकी पुश्तैनी जमीन होने के बाद भी वे इस जमीन पर अब न तो बैंक से कर्ज ले सकते हैं और न ही जमीन पर अपना हक जता सकते हैं। इस पर राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि भू राजस्व संहिता अधिनियम में संशोधन के बाद इस तरह की भूमि को लेकर अत्तराधिकारी को आवेदन के साथ प्रमाण प्रस्तुत करना होगा कि वे भूमि स्वामी है इसके बाद उन्हें यह अधिकार दिया जा सकता है।
अब यह भूमि नजूल की हो गई है। इस पर कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि हम इस नीति को लेकर आए थे, लेकिन आप इसका सही से पालन नहीं कर रहे हैं। जब पट्टे दिए जाएंगे तो कैसे कोई उसका मालिका हो सकेगा। इस पर अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए मंत्री से कहा कि वे सर्वे करवा लें कि ऐसे कितने लोग हैं, जो पात्र हों उन्हें भू-अधिकार दिए जाएं।
शून्यकाल में उठा ओलावृष्टि-बारिश का मामला
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का मामला उठा। कांग्रेस के विधायक प्रियव्रत सिंह ने जीरापुर तहसील में हुई ओलावृष्टि और बारिश का मामला उठाते हुए बताया कि तहसील में किसान की स्थिति बहुत बुरी हो गई है। ओले से फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने सरकार से शीघ्र सर्वे कराकर मुआवजा बांटने का निवेदन किया। संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री किसान के बेटे हैं, प्रदेश की सरकार किसानों की सरकार है। मुख्यमंत्री किसानों को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने सुबह ही कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि फसलों का सर्वे करें और शीघ्र ही राहत राशि का वितरण करें।