भोपाल
विधानसभा शीतसत्र का अंतिम दिन कांग्रेस विधायकों ने आदिवासियों के लिए अनुपूरक बजट में कम राशि का प्रावधान पर इसे आदिवासियों का अपमान करने वाली सरकार बताते हुए सदन में हंगामा किया जिसके चलते पहले प्रश्नकाल स्थगित हुआ। इसके बाद अध्यक्ष ने बगैर चर्चा के ही ध्यानाकर्षण, विधेयक और अन्य प्रस्तावों को पारित करने का ऐलान करते हुए विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र अंतिम दिन हंगामे की भेंट चढ़ा और समय से पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले प्रश्नकाल भी स्थगित करना पड़ा था। प्रश्नकाल के बाद जब सदन समवेत हुआ तो गृहमंत्री डॉ मिश्रा ने पाइंट आफ आर्डर के तहत विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा अकर्मण्य विपक्ष पहले नहीं देखा। यह विपक्ष चर्चा से भागता है।
उधर सदन में कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी भी जारी रही। विधायक जयवर्द्धन सिंह, ओंकार सिंह मरकाम, विजयलक्ष्मी साधो, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, बाला बच्चान समेत अन्य सभी गर्भगृह में पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए वहीं बैठ गए। उनका कहना था कि अनुपूरक बजट में आदिवासियों के लिए सिर्फ 400 रुपए का प्रावधान किया गया। ऐसा करके सरकार आदिवासियों का अपमान कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने इस स्थिति को देखते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्यों के व्यवहार से दुखी हंंू और अब आगे की कार्यवाही करता हूं। इसके बाद सदन में शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी हुई मान ली गईं।
साथ ही सभी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, अशासकीय सूचनाएं और याचिकाएं भी पढ़ी हुई मान ली गई। इसके अलावा काष्ठ चिरान और ग्वालियर व्यापार मेला से संबंधित दोनों ही विधेयकों को बगैर चर्चा कराए पारित घोषित कर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद 12.06बजे शुरू हुई सदन की कार्यवाही कांग्रेस के हंगामे को देखते हुए 12.19 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
शुक्रवार को जब सदन समवेत हुआ तो प्रश्नकाल में सबसे पहला सवाल विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का था जिन्होंने जेल में बंद कैदियों को लेकर सवाल उठाया। कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने भी आदिवासियों को लेकर सवाल किया। इसके बाद कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति, विजयलक्ष्मी साधो, जयवर्द्धन सिंह समेत अन्य ने भी अलग-अलग मुद्दे उठाने शुरू कर दिए।
इस पर विधायक सिसोदिया के सवाल का जवाब दे रहे गृह और जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने अध्यक्ष की ओर मुखातिब होकर कहा कि जब चार-चार लोग एक साथ सवाल करेंगे तो जवाब कैसे दिया जा सकता है? अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों को समझाने की कोशिश की लेकिन उनका बोलने का क्रम जारी रहा। इसके बाद विधायको के व्यवहार से नाराज अध्यक्ष गौतम ने प्रश्नोत्तरी पढ़ते हुए कहा कि आज सबसे ज्यादा कांग्रेस विधायकों के ही सवाल थे। इसके बावजूद ऐसा लग रहा है जैसे सवालों को पूछने में सदस्यों की रुचि नहीं है।
और कांग्रेस विधायक विधानसभा नहीं चलने देना चाहते हैं। इसलिए वे प्रश्नकाल तक विधान सभा की कार्यवाही को स्थगित करते हैं। इसके बाद मीडिया से चर्चा में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रश्नकाल विपक्ष के लिए हथियारकी तरह होता है लेकिन विपक्ष हंगामा करता है। जो मुद्दे शून्यकाल में उठाए जा सकते थे उन्हें प्रश्नकाल में उठाया जा रहा है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस विधायकों द्वारा एक साथ पूछे जाने वाले प्रश्नों और अध्यक्ष की बात न मानकर हंगामा करने के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका। नाराज अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों के सवाल सबसे अधिक हैं लेकिन कांग्रेस सदस्य इसको लेकर गंभीर नही हैं। इसलिए प्रश्नकाल तक के लिए विधानसभा स्थगित की जाती है।
विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा विशेषाधिकार समिति की अवधि बढ़ा दी है। इसमें पूर्व स्पीकर सीतासरन शर्मा ने आईएएस अफसर हरेंद्र नारायण और विधायक संजय पाठक ने पूर्व आईएएस सभाजीत यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। इस दौरान एससी वर्ग कर्मचारी कल्याण समिति का सभापति प्रदीप लारिया और पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति का सभापति जालम सिंह पटेल को बनाए जाने की जानकारी भी विधानसभा अध्यक्ष ने दी है।