भोपाल
राजधानी के कई विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारु रूप से संचालित करने के लिए कई योजनाएं तैयार क्रियान्वयन कराना शुरू कर दिया है। इसके तहत भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने कोविड काल के दौरान आर्थिक रूप से परेशान परिवार के विद्यार्थियों के लिए अपने सभी कोर्स की फीस में बीस से 20 से 50 फीसद तक कम कर दिया है। यहां तक कि कोविड से अनाथ हुए विद्यार्थियों को निश्शुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था तक कर दी है। वहीं राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अनाथ विद्यार्थियों को फीस वेबर स्कीम की श्रेणी की तैयारी में है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय(बीयू) ने कोई फीस में कटौती नहीं की है। उन्होंने कोविड से अनाथ विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी है। वे उनसे भी पूरी फीस ली जा रही है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने प्रदेश को लोगों पर आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है। इसे देखते हुए भोज विवि के कुलपति जयंत सोनवलकर ने फीस में 20 से 50 फीसद तक की कटौती की है। इससे आर्थिक संकट झेल रहे परिवार के विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। यहां तक आठ हजार रुपये से ज्यादा की सालाना फीस वाले कोर्स में फीस को दो किश्तों में जमा करने का आदेश जारी किया है।
कोविड में अनाथ हुए विद्यार्थियों से भोज विवि ने कोई शुल्क नहीं लिया है। भोज विवि ने करीब 18 कोर्स यूजी-पीजी कोर्स संचालित हो रहे हैं। उक्त सभी कोर्स की फीस नौ हजार रुपये कर दी गई है। इसमें सबसे ज्यादा एमबीए और एमबीए एमएम कोर्स की 16 हजार 560 रुपये हैं। कुलपति सोनवलकर ने उसकी फीस में करीब 46 फीसद तक कटौती कर दी है। अब विद्यार्थी सिर्फ नौ हजार में एमबीए में प्रवेश ले सकते हैं।
शासन को भेजा गया प्रस्ताव
तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रदेश में 569 निजी और सरकारी कालेज संचालित हो रहे हैं। इन कालेजों में प्रवेशरत कोविड से अनाथ हुए विद्यार्थियों को निश्शुल्क प्रवेश देकर डिग्री कराएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शासन को भेज दिया है। शासन की मंजूरी मिलने पर विद्यार्थी आसानी से बिना किसी आर्थिक समस्या के डिग्री पूरी कर पाएगा।