भोपाल। मध्य प्रदेश में भी यूपी मॉडल लागू किया जा रहा है। यहां प्रदर्शन, हिंसा अथवा दंगा में किसी सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो संबंधित लोगों से ही इसकी भरपाई करवाई जाएगी। शिवराज सरकार इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। आज या कल इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इस संबंध में गृह और विधि एवं विधायी कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी। इसी के साथ नुकसान वसूली का फैसला लेने वाला मध्य प्रदेश, यूपी और हरियाणा के बाद तीसरा राज्य बन गया है।
मध्य प्रदेश में लोक और निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली का विधेयक जल्द ही सदन में पेश किया जाएगा। गृह मंत्री मिश्रा ने बताया कि आज यानी 21 या 22 दिसंबर को इस बिल को सदन में पेश किया जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। तब मंत्री मिश्रा ने कहा था कि प्रदेश के मंत्रिमंडल ने ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक-2021’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके बाद इसे सदन में पेश किया जाएगा।
हड़ताल और सांप्रदायिक दंगे में नुकसान की होगी भरपाई
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि हिंसक विरोध, हड़ताल और सांप्रदायिक दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों और दंगाइयों से वसूली करने वाला विधेयक आज या कल यानी 22 दिसंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और 24 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में 22 दिसंबर को प्रश्नकाल पहली बार बने विधायकों के प्रश्नों के लिए आरक्षित होगा।
विधानसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर बहस होगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कार्य मंत्रणा समिति में सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच इस पर सहमति बन गई है। उधर, कांग्रेस विधायक दल की ओर से चक्रानुक्रम आधार पर चुनाव ना कराने, परिसीमन निरस्त करने और ओबीसी आरक्षण को लेकर स्थगन सूचना दी गई है। बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य में परिवर्तित करने के आदेश दिए हैं। इसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले और दूसरे चरण के चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य पद की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में हिंसा और दंगाइयों पर लगाम कसने के लिए बड़े फैसले लिए थे। योगी ने दंगों और हिंसा में होने वाले नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति से करने का कानून बनाया था। अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भी उसी राह पर आगे बढ़ी है। मध्य प्रदेश में भी अब आंदोलन, बंद, धरना, प्रदर्शन या दंगे में किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो उसकी वसूली की जाएगी। इसके लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा जो नुकसान की वसूली के आदेश पारित करेगा।
शिवराज सरकार के विधेयक के बारे में जानिए
- इस विधेयक का नाम- मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान एवं नुकसान वसूली विधेयक 2021 रखा गया है।
- यूपी की तर्ज पर ही नुकसान की भरपाई के आकलन के दावों को निपटाने के लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया गया जाएगा।
- इनमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं, कंपनियों की संपत्तियों को पहुंचने वाला नुकसान शामिल है।
- ट्रिब्यूनल के आदेश को हाईकोर्ट में ही चैलेंज किया जा सकेगा। 90 दिन के भीतर ही हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
- ट्रिब्यूनल को नुकसान से दो गुना राशि तक का आदेश पारित करने का अधिकार दिया गया।
- आदेश पारित होने के 15 दिन में नुकसान का भुगतान नहीं हुआ तो आवेदनकर्ता को हर्जाना राशि पर ब्याज और क्लेम्स ट्रिब्यूनल में हुए खर्च की वसूली के अधिकार होंगे।
- 15 दिन तक नुकसान की तय राशि जमा न करने पर जिला कलेक्टर को वसूली के लिए आरोपी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की और नीलामी का अधिकार होगा।
- क्लेम्स ट्रिब्यूनल को कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर 1908 के तहत सिविल कोर्ट के अधिकार और शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
UP के मुकाबले थोड़ा ‘कमजोर’ दिख रहा MP का विधेयक
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार जिस विधेयक को लेकर आई है, वह योगी सरकार के कानून से थोड़ा कमजोर दिख रहा है। दरअसल, योगी सरकार ने अपने विधेयक में साफ कहा था कि ट्रिब्यूनल के आदेश को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी, जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने ट्रिब्यूनल के आदेश को हाईकोर्ट में चैलेंज करने का अधिकार दिया है।