प्रदेश के शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अब बनेंगे मल्टीलिंग्वल

भोपाल। प्रदेश के शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अब मल्टीलिंग्वल बनेंगे। उन्हें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान करवाया जाएगा। प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग इस नये सत्र से एक नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत अब मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में भी अब हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही तेलुगू, मराठी और पंजाबी जैसी अन्य राज्यों की भाषाएं भी सिखाई जाएंगी। अभी फिलहाल कुछ प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को यह सुविधा मिलती है लेकिन अब शासकीय स्कूल के बच्चे इसका लाभ ले पाएंगे। राज्य की भाषाओं के बाद अगले चरण में राष्टÑीय भाषाओं की शुरुआत की जाएगी।  

52 जिलों में 53 स्कूल का चयन
शुरुआती तौर पर स्कूल शिक्षा विभाग ने इस योजना के लिए 52 जिलों में 53 स्कूल का चयन किया है जिसमें अन्य राज्यों की भाषाएं भी पढ़ाई जाएंगी। स्टूडेंट्स अपनी रुचि के अनुसार भाषाओं का चयन कर सकते हैं। गौरतलब है कि इसके पहले हाल ही में सीएम राइज योजना की शुरुआत हुई इसके तहत फिलहाल 360 सर्वसुविधा संपन्न स्कूल शुरू करने का प्रस्ताव है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। सरकार इन स्कूलों में योग, कला और संस्कृति आदि विषय भी पढ़ाएगी। इन स्कूलों में 8 तरह की लैब बनाई जाएंगी।

घटेगी दूरी, बढ़ेगा सम्मान
इधर, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि इस शुरूआत से राज्यों के बीच भाषा की दूरी कम होगी और सम्मान बढ़ेगा। मध्य प्रदेश का विद्यार्थी अगर तमिल जानता है तो तमिलनाडु में जाकर उनकी भाषा में उनसे बात करेगा। इससे वहां के लोगों को लगेगा कि हिंदी भाषी लोग हमारी मातृभाषा का सम्मान करते हैं तो स्वभाविक रूप से वहां के लोगों में भी हिंदी के प्रति सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, देश का हृदय स्थल है और यह पहला राज्य होगा, जहां अन्य राज्यों की भाषाएं सिखाने का प्रयोग किया जाएगा।

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